दोहावली – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

देवाधिदेव महादेव दया सिंधु शिव जी सदा,करते हैं कल्याण। जो भी आते हैं शरण,पाते वो वरदान।। बाबा भोलेनाथ को, पूजे जो नर-नार। पाकर नित आशीष को,करते निज भव पार।। सावन…

मैं था जो मैं हूँ वही – रवीन्द्र कुमार

मैं था जो मैं हूँ वही, चेहरा बदला,प्रण है वही, बढ़ते कदम,चलती साँसे, धड़कन की धक-धक में वही। मैं था जो मैं हूँ वही।            जमाने की भीड़ में, मुखौटा…

वर्षा आई- गुड़िया कुमारी

वर्षा आई, वर्षा आई जीवन में खुशहाली लाई। टिप-टिप,टिप-टिप बरसा पानी, चली हवा जैसे मस्तानी।। नदी, तालाब, खेत और पोखर, भर गया है सब में पानी। धरती पर हरियाली छाई,…

वर्षा आई- गुड़िया कुमारी

वर्षा आई, वर्षा आई जीवन में खुशहाली लाई। टिप-टिप,टिप-टिप बरसा पानी, चली हवा जैसे मस्तानी।। नदी, तालाब, खेत और पोखर, भर गया है सब में पानी। धरती पर हरियाली छाई,…

पावन तीर्थ नगरी काशी – अपराजिता कुमारी

धार्मिक, आध्यात्मिक, सांस्‍कृतिक प्राचीन मोक्षदायिनी सप्‍तपुरियों में एक लोक विश्व विख्‍यात बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा विश्वनाथ की अति प्रिय प्राचीनतम जीवंत नगरी काशी। शिव प्रिय,शिव नित्‍य विहार स्‍थली…