है महाकुंभ स्नान का, वेदों में गुणगान। अमृत स्नान बेला सुखद,करे तेज प्रदान।। त्रिवेणी जल प्रयाग का, मन से करिए स्पर्श। सकल रोग नाशिनी यह, करिए नहीं विमर्श।। तन-मन पावन…
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अपने बोल में मिसरी घोलें- अमरनाथ त्रिवेदी
अपने बोल में मिसरी घोलें, सबके दिल के ताले खोलें। हम हैं बच्चे बहुत सयाने, मीठे बोल के बहुत दीवाने। हर मुश्किल में इसके मोल, दिल के सब दरवाजे खोल। पराए को भी…
थल सेना दिवस – रामकिशोर पाठक
सीना तानकर जो खड़े, देश हित दिन रात में। सो रहे हैं चैन से हम, परिजनों के साथ में। तिरंगा सदा लहर रहा, छूता जो आसमान है। इनसे जन-गण भारत…
वीरों से चमके गगन सदा- सुरेश कुमार गौरव
तलवार-सी तेज़ है, हर जवान का हौसला, चट्टानों से टकराए, रुके ना कभी काफिला। तिरंगे की शपथ ले, बढ़ते वो सीना ताने, दुश्मन के दिलों में डर, हर कदम बंदूक…
दोहावली – रामकिशोर पाठक
मने हमारे देश में, नित्य नये त्योहार। मकर रवि का प्रवेश जब,खुशियाँ तभी अपार।। बाँट रहे खुशियाँ सभी, मिलजुल कर परिवार। संक्रांति की बेला यह, उत्तर सूर्य पधार।। फसल भरा…
मकर संक्रांति- गिरीन्द्र मोहन झा
बच्चों ! जानो आज मकर संक्रांति है, सूर्यदेव की मकर राशि में विश्रांति है, मकर राशि में जाते ही उनका तेज बढ़ता है, आज से ही मार्त्तण्ड सतत प्रखर होता…
मकर संक्रांति – सुरेश कुमार गौरव
सूरज की किरणें संग उमंग लाई, मकर संक्रांति ने खुशियाँ बरसाई। खिचड़ी की महक, तिल-गुड़ का मिठास, हर मन को भाए यह त्यौहार खास।। गगन में उड़ते विविध पतंगों…
जागो उठो और आगे बढ़ो – विवेक कुमार
सृष्टि पर, यशस्वी कर्मठ, संत हुए एक महान, थी उनकी अलग पहचान। सरल सौम्यता, थी जिनकी शान, वो कोई और नहीं, विवेकानंद थे महान। अद्भुत तेज, धैर्य गुण सहेज, प्रतिभा…
स्वामी विवेकानंद – रामकिशोर पाठक
विवेकानंद आज हैं, किए जा रहे याद। हम मनाएँ जन्म दिवस, करते यह फरियाद।। युवा राष्ट्र के बोलिए, रहें न किंचित मौन। बन जाए फिर विश्व गुरु, भार उठाए…
विश्व चेतना के अग्रदूत स्वामी विवेकानंद – अमरनाथ त्रिवेदी
विश्व चेतना के दिग्गजों में, जिनका नाम शुमार है। वे भारत के सर्वोच्च अवधूत, उनकी कीर्ति अपरम्पार है।। बचपन में जिनका नाम नरेंद्र, वे प्रतिभा के आगार थे। जिनकी…