विषय -जातिगणना शीर्षक -तखने हाएत सफल सब काम। तखने हाएत सफल सब काम जखन देत शिक्षक केअ मेहनत के पूरा दाम तखने हाएत सफल सब काम। दिन राएत जनगणना में…
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पूर्वजों को श्रद्धांजलि – जैनेंद्र प्रसाद रवि’
पूर्वजों को श्रद्धांजलि जिनके बांहों में झूले, छाया पा के गम भूले, जीवन में फले-फूले, उनके आशीष से। भरपूर प्यार दिया, हमको संस्कार दिया, मिलती मंजिल नहीं, केवल कोशिश से।…
धरती ने भेजा चांद को पैगाम – नवाब मंजूर
दीदी ने भैया को पैगाम भेजा है हम कहते हैं, इसरो ने चंद्रयान भेजा है। मौसम है सावन का, हरियाली है धरती पर भैया तेरा हाल क्या है वहाँ ऊपर?…
उर भरी यही चाह – एस.के.पूनम
रात-दिन इंतजार, कर थकी नहीं आँखें, खानपान छोड़ कर,माता ताक रहीं राह । बीत गए कई साल, आया नहीं कभी खत, वत्स-वत्स याद कर,भर रहीं नित्य आह। उसे पालीं यत्न…
They teach you to turn Pages – Ashish Kumar Pathak
They teach you to turn Pages Initially they teach you to turn pages So that you can easily learn life’s phases They are like countryside Shepherds Who create human safe…
मंजूषा कला – रत्ना प्रिया
मंजूषा कला लोक कथा, लोक संस्कृति, जीवन का आधार है , मंजूषा कला ,अंगप्रदेश का, अनुपम उपहार है | कला जीवन की थाती है, स्नेहघृत की बाती है, प्रतिपल आकर्षित…
मंजूषा के शिल्पकार – रत्ना प्रिया
मंजूषा के शिल्पकार मंजूषा की कलाकृति को, अंतर्मन में धारा है, अपनी कला, संस्कृति बचाओ, शिल्पकार का नारा है| निर्मला व नारायण के, अद्भुत पुत्र सलोने हैं, मंजूषा के मिथक…
फूल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
लगते कितने पुष्प अभिराम गहरा चिंतन कर लो मानव। फूलों-सा नित बनिए ललाम करो नष्ट मत बनकर दानव।। फूल प्रकृति का अनुपम उपहार गुण सुरभित पा हंँसते रहिए। करिए जीवन…
सृष्टि देते उपहार – एस.के.पूनम
दरिया में जल मिले, सागर में नदियाँ भी, धरती आकाश मिल सृष्टि देते उपहार। कहीं-कहीं छाँह धूप, चुभते दिलों में शूल, मिटती न तृष्णा कभी मिथक न हो प्रहार। माटी…
करती हूँ बंदगी – एस.के.पूनम
🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण (करती हूँ बंदगी) तरसती है निगाहें, भरती हैं नित्य आहें, भूखे पेट तड़पती,मजबूर जिन्दगी। भाग्य से निवाला मिला, जूठन भी मिला गिला, आहार विनाश कर,फैलाए क्यों गंदगी।…