तखने हाएत सफल सब काम – नीतू रानी

विषय -जातिगणना शीर्षक -तखने हाएत सफल सब काम। तखने हाएत‌ सफल सब काम जखन देत शिक्षक केअ मेहनत के पूरा दाम तखने हाएत‌ सफल सब काम। दिन राएत जनगणना में…

पूर्वजों को श्रद्धांजलि – जैनेंद्र प्रसाद रवि’

पूर्वजों को श्रद्धांजलि जिनके बांहों में झूले, छाया पा के गम भूले, जीवन में फले-फूले, उनके आशीष से। भरपूर प्यार दिया, हमको संस्कार दिया, मिलती मंजिल नहीं, केवल कोशिश से।…

मंजूषा के शिल्पकार – रत्ना प्रिया

मंजूषा के शिल्पकार मंजूषा की कलाकृति को, अंतर्मन में धारा है, अपनी कला, संस्कृति बचाओ, शिल्पकार का नारा है| निर्मला व नारायण के, अद्भुत पुत्र सलोने हैं, मंजूषा के मिथक…

फूल – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

लगते कितने पुष्प अभिराम गहरा चिंतन कर लो मानव। फूलों-सा नित बनिए ललाम करो नष्ट मत बनकर दानव।। फूल प्रकृति का अनुपम उपहार गुण सुरभित पा हंँसते रहिए। करिए जीवन…

सृष्टि देते उपहार – एस.के.पूनम

दरिया में जल मिले, सागर में नदियाँ भी, धरती आकाश मिल सृष्टि देते उपहार। कहीं-कहीं छाँह धूप, चुभते दिलों में शूल, मिटती न तृष्णा कभी मिथक न हो प्रहार। माटी…

करती हूँ बंदगी – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण (करती हूँ बंदगी) तरसती है निगाहें, भरती हैं नित्य आहें, भूखे पेट तड़पती,मजबूर जिन्दगी। भाग्य से निवाला मिला, जूठन भी मिला गिला, आहार विनाश कर,फैलाए क्यों गंदगी।…