आनंद का पल है -एस.के.पूनम

छंद:-मनहरण घनाक्षरी प्रातःकाल की बेला में,खड़ी यमुना किनारे, गागर भरतीं राधा,लेतीं नदी जल है। आरती माधव संग,बोल उठी अंग-अंग, केशव,मोहन मेरा,आराध्य ही बल है। वाणी मधुर-मधुर,बहती अमृत धार, कृष्ण को…

किसान-एस.के.पूनम

रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…

मैं सेवानिवृत्त हो गया

पूर्ण हुए जीवन के साठ साल मैं सेवानिवृत हो गया जीवन से नहीं, नौकरी से हां, मैं सेवानिवृत हो गया समाप्त हुआ रोज सवेरे पहले उठना भाग-भागकर वक्त पर तैयार…

मेरी प्यारी हिंदी – डॉ.अनुपमा श्रीवास्तवा 

“हिंद” देश के वासी हैं हम हिंदी हम सब की बोली है, “माँ” जैसी ही प्यारी हिंदी “माँ” जैसी ही भोली है। पूज्य है जितनी जन्मभूमि उतनी ही प्यारी भाषा…

ज्ञान के भण्डार हैं शिक्षक-एम० एस० हुसैन कैमूरी

शिक्षा के सूत्रधार हैं शिक्षक ज्ञान के भण्डार हैं शिक्षक हैं सदैव सृजनकर्ता बुद्धि के निज राष्ट्र के आधार है शिक्षक सदा ही ज्ञान का चक्षु खोलकर करते ज्ञान की…