माँ कालरात्रि संकट दूर करो देवी त्रिनेत्री। रोग नाशिनी, दया करो माँ दुर्गे जग तारिणी। जय चामुंडा, साहस भर देती जग कल्याणी। अष्टभुजी माँ, चंड मुंड विनाशिनी आदि भवानी।…
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विधाता छंद: एस. के.पूनम
चरण छूलूँ भवानी माँ, पनाहों में मुझे पाओ। महादेवी जगतजननी, मुझे तो छोड़ मत जाओ। सदा तुम कष्ट ही हरती, तुम्हारे पास जो जाता। मिटेगा पाप उसका भी, दया…
जीवन के रास्ते – रूचिका
अँधेरी रात के बाद आती उम्मीदों भरी सुबह, हर हाल में जीवन के तू सदा मुस्कुराता रह, वक़्त का पहिया अनवरत घूमता रहता है, किंतु-परंतु छोड़ अपनी बातों को…
नौ रूपों में दुर्गा माता – अमरनाथ त्रिवेदी
नौ रूपों में दुर्गा माता की पूजा, परम पावन दुर्गा पूजा कहलाती है। नौ दिनों के निरंतर तपश्चरण से, हृदय में अपार श्रद्धा उमड़ आती है ।। प्रथम पूजा होती …
मेरे नाना- नीतू रानी
मेरे नाना प्यारे नाना आपके घर, मेरा आना-जाना। जब भी हम जाते, हमें बुलाते, अपने पास वो हमें बिठाते। कुछ -न -कुछ नित हमें सिखाते, दो लाईन हमसे पढ़वाते।। कभी…
माँ कात्यायनी- डॉ स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
ऋषि कात्यायन की हे सुता, यह दर्प तुम्हारा अद्भुत है। यह रूप तुम्हारा अद्भुत है, सौंदर्य तुम्हारा अद्भुत है। ज्योति द्युति प्रकृति अद्भुत, अनुराग तुम्हारा अद्भुत है। महिषासुर मर्दनी…
माता की भक्ति – भवानंद सिंह
माता का पंडाल सजा है, भक्तों की कतार लगी है। आएँ भक्तों लगाएँ ध्यान, कर लें भक्ति मिलेगा मान। नवरात्रि में माॅं की पूजा, मन से नित करिए आप। माॅं…
कर्म-पथ- सुरेश कुमार गौरव
जिस पथ में चला सदा सत्य है यह कर्म-पथ उतार तो कहीं चढ़ाव का है ये जीवन सु-पथ। जीवन के हर मोड़ पर जिनको भी देखा सदा वो पूरा भी…
निपुण बनें हम- अवनीश कुमार
हे प्रभु! हम बालक बड़े नादान, आप हमें दें यह वरदान। जल्दी निपुण, बन जायें हम, भारत के निपुण बालक कहलायें हम। पढ़ने- लिखने में हों बालक अच्छे, भाषा-गणित…
गिलहरी – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
विद्यालय के प्रांगण में, है झूलती आम की डाली। उससे अक्सर आती जाती, कतिपय गिलहरियाॅं मतवाली।। बच्चों की किलकारी सुनकर, फूर्र-फूर्र फूर्रर हो जातीं। बच्चे उनकी ओर भी आते, चूँ…