जिसके साए तले बढ़ते हैं राजा और रंक या फिर हो कोई मलंग जन्म से लेकर जवानी तक उसी के इर्द-गिर्द घूमते हैं? एक शागिर्द की तरह। हर खुशी हर…
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मेरी मां- सूरज कुमार कुशवाहा
मां मेरी जीवन की हो, तुम मूर्तिकार, तूने ही दिया है, ऐसा अनुपम आकार। बाधा विघ्नों से तूने बचाया हर बार, तुझे दुःख दिया हजार, तुने नहीं किया इंकार। हर…
बेटी दिवस – नीतू रानी
हो रही है खामोश हिंसा निर्दोष उन बेटियों की, बचाओ मत मारो इसको ये है रौनक आपके घर की, हो रही——————2। कितने कुमारे लड़कों को लड़कियाॅ॑ नहीं मिल रही, हो…
जाने कहां गए वो दिन -जैनेन्द्र प्रसाद रवि
टॉफी पा के इठलाना, पल में मचल जाना, शैशव की बीती बातें- हमें याद आते हैं। बांहों में लिपट कर, आंचल में छिप जाना, मां की सुनाई लोरी- नहीं भूल…
नारी का स्वरूप – लवली कुमारी
नारी का स्वरूप नारी तेरे कई रूप शब्द में ही छिपा तेरा स्वरूप आ की मात्रा का विशेष गौरव आन, बान ,मान ,मर्यादा का प्रतीक ई की मात्रा का विशेष…
विद्यालय का पहला दिन-बीनू मिश्रा
विद्यालय का पहला दिन पथ निहारते आंखें थक गई मेरी मेरा लाल आज पहली बार स्वयं गया है पाठशाला पढ़ने को एक सी वेशभूषा में बच्चों के झुंड को देख…
स्तनपान अमरत्व दान-मधु कुमारी
स्तनपान अमरत्व दान मैं भी हूँ एक माँ, सर्वप्रथम मैं अपनी अनुभूति लिखूंगी.. माँ के दूध को अमृत समान कहूंगी, स्तनपान को पाक-पवित्र माँ के रक्त से निर्मित अमृतपान कहूंगी,…
स्तनपान है अमृतपान-शुकदेव पाठक
स्तनपान है अमृतपान शिशु जन्म के फौरन बाद कराएं सभी मां स्तनपान मां का दूध है अमृत समान रहता जीवन भर अभिमान। मां का दूध जीवन की धारा निर्भर इस…
अपना गांव तथा बचपन–शुकदेव पाठक
अपना गांव तथा बचपन अपना गांव लगता बड़ा प्यारा गुजरा यहां है बचपन हमारा गांव के अपने चाचा–ताऊ खुश होते देख भाई–भाऊ। गांव का वातावरण होता ऐसा रहते साथ…
चलो चलें स्कूल की ओर-विजय सिंह “नीलकण्ठ”
चलो चलें स्कूल की ओर जागो बच्चो हो गई भोर चिड़ियाँ मचा रही है शोर जल्दी-जल्दी तैयार होकर चलो चलें स्कूल की ओर। बैग में सभी किताबें रख लो साथ…