दीपक बनकर अँधियारों को हरने वाले शिक्षक हैं
हर बच्चे का जीवन रौशन करने वाले शिक्षक हैं
वरना तो वंचित रह जाते कितने बच्चे शिक्षा से
बच्चों का दामन शिक्षा से भरने वाले शिक्षक हैं
काम अगर हो बढ़िया तो फिर देते हैं शाबाशी भी
हर ग़लती पर कान हमारे धरने वाले शिक्षक हैं
अपने अनुभव से दिखलाते दुनिया की सच्चाई को
बच्चों ख़ातिर ख़ुद भी रोज़ निखरने वाले शिक्षक हैं
आने वाला कल बनता है बेहतर बच्चे-बच्चे से
और उन्हीं बच्चों को बेहतर करने वाले शिक्षक हैं
शिक्षक के कारण दुनिया की नज़रों में सब आए पर
सबकी ही नज़रों से आज उतरने वाले शिक्षक हैं
सत्येन्द्र गोविन्द
विद्यालय अध्यापक
रा०प्रा०बि० बखरी(उर्दू)
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