हे माँ शारदे हे माँ शारदे-माला त्रिपाठी मालांशी

Mala

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हे माँ शारदे हे माँ शारदे

करें साधना हम
विजय वृति दो माँ।
करें वंदना हम
विनय दृष्टि दो माँ
तिमिर को मिटायें
ज्योति हम जगाएँ,
हृदय हो आलोकित
यही शक्ति दो माँ।
हमें शक्ति दो माँ
हमें भक्ति दो माँ।
करें साधना हम
विजय वृति दो माँ।

जगत ज्ञानमय हो
अज्ञान छँट जाए।
सद्बुद्धि सद्प्रवृति
प्रवाहमान हो माँ।
हमें शक्ति दो माँ
हमें भक्ति दो माँ
करें साधना हम
विजय वृति दो माँ।
हे माँ शारदे हे माँ शारदे
साहस शील हृदय भर दे माँ
मन को स्वच्छ धवल कर दे।
बल, विक्रम संयम भर दे माँ
जीवन सत्य तपोमय कर दे।
हे हँस वाहिनी हे ज्ञान दायिनी
साहस शील हृदय में भर दे।
हे माँ शारदे हे माँ शारदे।

तुझसे सारा जग है प्रकाशित
अन्तर में ज्ञान ज्योति भर दे।
मन मानवता का कष्ट हरें हम
ऐसी दिव्य हृदय गति भर दे ।
प्रेम सद्भवना मन में भर दे
हे माँ शारदे हे माँ शारदे।
विवेकानंद मदर टेरेसा बने हम
मन को मेरे नवनीत कर दे।
चंद्रशेखर भगत की शक्ति दे माँ
ऐसी शक्ति हृदय में भर दे।
मिट जाएँ राष्ट्र के नाम हम भी
ऐसी बलिदानी गति कर दे।

माला त्रिपाठी मालांशी
नव सृजित प्राथमिक विद्यालय संसारपुर
भोरे, गोपालगंज

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