कत्ह जतन स पाललकै पोसलकैय । पढ़ाय लिखाय करि जमीनों गमैलकैय ।। घर बसाय क बाबू करैय छौ किचकिचो । हमरा घरो म रोज कचकचो…।। हे गे माय जरा बाबू…
उलझन -अमरनाथ त्रिवेदी
तन की पीड़ा भूल चुका पर , मन की पीड़ा भुला न पाया । सेवा अवसर आने पर भी , मन को इसमें लगा न पाया । पथ अनेक जीवन…
लौहपुरुष -अमरनाथ त्रिवेदी
जिन्दगी के पुरुषार्थ को , यथार्थ से जाना उन्हें । उस मानवी काया को , सबने लौहपुरुष माना जिन्हें । जिस पुरुष के पुरुषार्थ ने , भारत को एक कर…
किसान-एस.के.पूनम
रश्मियां निकल आईं,पूरब में लोहित छाईं, कृषक तराने गाएं,अभी प्रातःकाल है। निकला विस्तर छोड़,देखा खेत-खलिहान, किसानों का मुखड़ा भी,देख खुशहाल है। धूप से तपती धरा,धूल से गगन भरा, स्वेद से…
जीवन का फ़लसफ़ा -जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
सभी करते आनंद यहां अपने वजूद में, बड़े कामकाज करें, बच्चे खेलकूद में। किशोर तो विद्यालय जाएं करने पढ़ाई को, युवक सेनाओं में जाते सीमा पर लड़ाई को। व्यस्क करें…
जीवन मूल्य- अमरनाथ त्रिवेदी
संसार यदि बदलना हो तो , पहले हमें बदलना होगा । छल -प्रपंच सहित मनुज को , जीवन मूल्य बदलना होगा । जीवन मे केवल उच्च शिक्षा से , न…
प्रतीक्षा-जय कृष्णा पासवान
आंखों की रोशनी भी, जुगनू बन-कर देखता रहा । समंदर से मोती भी गोता लगाकर निकालता रहा ।। कोई फरियाद नहीं है, खुदा से मेरे ‘मगर’ उनकी – परछाइयों को…
मेरी अभिलाषा- जयकृष्णा पासवान
मैं पंछी बन उन्मुक्त गगन में, दुनियां का भ्रमण करुं। काली-घटा की बलखाती बादल में भींग जाऊं।। यह मेरी अभिलाषा है। मैं सूर्य के प्रकाश की तरह, प्रकाश-मान हो जाऊं।…
पढ़ाई -दीपा वर्मा
दुहाई है दुहाई हाय ये पढ़ाई । कभी नन को नही भाए यह जालिम पढ़ाई । मम्मी कहती..पापा कहते दादी कहती..दादा कहते समी कहते, पढो पढ़ो। खेलकूद हो गया मुश्किल…
विज्ञापन अंतिम संस्कार का- संजय कुमार
ऐड देख कर खुश मैं होऊँ या आँखें भर भर मैं रोऊँ। खोया जिसके लिए था सब कुछ हुआ वही नजरों से दुर्लभ अंतिम संस्कार का ऐड देखकर खुश मैं…