बैठो न बेकार कभी भी, जुड़ जाओ स्कूल से । छोड़ स्कूल तू कुछ न पाओ , न जीवन को तू व्यर्थ गँवाओ । अनपढ़ होकर तुम शरमाओ , न…
यादें- जय कृष्णा पासवान
एक -एक सिसकियां- फिजाओं की खुशबू बांट रहे थे। पल-पल इन्तजार उस धड़ी का मानों आंखें मचल रहे थे। किया ख़्वाब सजाया था, खुदा मेरे हरेक लम्हों में पुरा हो…
बाल कुसुम- जैनेन्द्र प्रसाद रवि
बागों में कोयल बोले,कौआ बैठा डाल पर, मोर भी मोहित हुआ, मोरनी की चाल पर। मछली को मीन कहें, मगर मगर कौन ? बच्चे सारे हँस पड़े, गुरु के सवाल…
अरिल्ल छंद -सुधीर कुमार
अरिल्ल छंद मात्रा – १६ अंत – १२२ आपस में मत करो लढ़ाई । बच्चों कर लो खूब पढ़ाई ।। तुम अपना मत समय गँवाना । अच्छे बच्चे सदा कहाना…
प्रकृति का उपहार-जयकृष्णा पासवान
प्रकृति का उपहार एक बेल है सौंदर्य ,चंदन का मून । पेट लीवर सब ठीक करें, स्वास्थ्य वर्धक के गुण।। कन- कन बेल की वो मिठास, कई रोगो के नाशक…
भविष्य के प्रति आशा -अमरनाथ त्रिवेदी
भविष्य बनने से पहले , इतिहास न बनो तुम । कर्त्तव्य के आलोक को , विस्मृत न करो तुम । समझो न ऐसा कार्य कोई , जिसे तुम कर सकते…
अनुशासन- अमरनाथ त्रिवेदी
आत्म शासन ही अनुशासन , यह पल -पल हमे बताता है । सड़क हो या अन्य कोई जगह , मर्यादा में रहना हमे सिखाता है । हम क्या सोचें ;…
इंसान बना हैवान- अमरनाथ त्रिवेदी
इंसान बना हैवान , कि धरती डोल उठी । न रही मानवता की शान, कि धरती बोल उठी । जहाँ -जहाँ फूल खिलते थे , बो दिए हमने काँटे ।…
प्रेरणा -अमरनाथ त्रिवेदी
युवा दिल हो न हो तो भी , अलग कुछ काम कर जाऊँ । जबतक साँस हो मेरी , वतन के नाम कर जाऊँ । जो वतन के हो गए…
लक्ष्य- अमरनाथ त्रिवेदी
जाना है दूर मंजिल तुम्हे , चाहे मुश्किलों का दौर हो । सोए से जब जगे तुम , चाहे हर मुश्किलों का ठौर हो । मुश्किलों को छोड़ यूँ ,…