नये कदम विश्वास के ना डगमगाए कभी, तुम थाम लिया मेरा हाथ नहीं छोड़ना तुम कभी। हम हो गए तेरे तुम हो गए मेरे, हर सुख- दुःख में तुम साथ…
अम्बेडकर सम्मान- जयकृष्ण पासवान
जीवन के अंधकार डगर में, सूरज संग ज्योत जगाई है। अधिकार, साहस का पूंजी, देकर आत्म सम्मान दिलाया है।। गरल थे हम इस धरा पर, मानव बन पशु समान ।…
अनुभव- मीरा सिंह “मीरा”
बहुत काम के अनुभव होते खट्टे मीठे कड़वे तीखे। हाथ पकड़कर हम अनुभव का जीवन पथ पर चलना सीखें। आती है जब कोई मुश्किल अनुभव पड़ता उसके पीछे। संग चले…
शिक्षा -अमरनाथ त्रिवेदी
है प्रयत्न सफलता का पोषक , यह मर्म हमारे साथ रहे । हर भाँति मनुज में हो शांति , यदि शिक्षा का हम साथ गहें । शिक्षा को पाकर धन्य…
राधाकृष्ण से सीताराम बनना है प्रेम- राजेश कुमार सिंह
वह प्रेम है ही नहीं जिसका उद्देश्य शरीर को पाना है। हर युग में प्रेम का मतलब राधा-कृष्ण बन जाना है।। माता-पिता एवं गुरुजनों को भुलाकर प्रेम नहीं होता। संस्कृति…
हमारा संविधान- मो.मंजूर आलम
दिया है हक हमें लड़ने का बढ़ने का डटने का स्वप्न देखने का बोलने का समता का मर्ज़ी से पूजन शिक्षण करने का निर्बाध देश घूमने का। किसी भूभाग में…
माँ-जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
सभी देवियों से बढ़कर माँ ऊंचा है तेरा दर्जा, नहीं उतार पाऊंगा कभी जीवन भर मैं तेरा कर्जा। पहली बार जो आंख खुली तब दुनिया ने भरमाया था, प्रसव वेदना…
राष्ट्रभक्ति – अमरनाथ त्रिवेदी
राष्ट्रभावना की प्रबल ज्वाल में , नवगीत नित्य गाता हूँ । स्वप्नों में दिव्य चिनगारी है वह , जिसे रोज लिए फिरता हूँ । प्राण समर्पण करने से राष्ट्रहित ,…
अकड़म बकड़म – सुधीर कुमार
अकड़म बकड़म छंद — पद्धरि मात्रा — १६ अंत – जगण बच्चे सब पूछें यह सवाल । सूरज क्यो होता लाल-लाल ।। क्यों नीला लगता आसमान । भौंहों को कहते…
घनाक्षरी”मेरी कामना” – एस.के.पूनम
जाग कर प्रातःकाल,निकलूँ अकेले राह, मेरे दोनों चक्षुओं में,भरे कई रंग हैं। मृदुल झंकार सुन,नव अनुराग चुन, मन पुलकित होता, जीने का ये ढ़ंग है। उस पथ को मैं चला,जहाँ…