राष्ट्र कवि दिनकर – मनु कुमारी

साहित्य सरोवर में, खिला अद्भुत कमल! रामधारी सिंह दिनकर। बेगुसराय के गांव सिमरिया, जहां बसे मनरूप देवी और रवि भैया, जिनके पुत्र हुए तेजस्वी दिनकर। मानवीय चेतना के उन्नायक, राष्ट्रीय…

रामधारी सिंह दिनकर – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’

माँ सरस्वती के चरणों में, झुककर मैं वन्दन करूँ। मेरी लेखनी को शक्ति दो माँ, तुमसे यही अर्चन करूँ। राष्ट्रवादी कवि दिनकर जी का, मैं चरित्र चित्रण करूँ। कुछ भी…

चहक -अशोक कुमार

चहक उठे सब बच्चे, जैसे चिड़िया चहकती। नित्य विद्यालय जाना, जैसे मन मचलता।। खेल खेल में शिक्षा, हमें आनंदित करे। विद्यालय जाने के लिए, हमें प्रेरित करे।। भयमुक्त वातावरण में,…

हिंदी मेरी जान-विवेक कुमार

अभिव्यक्ति का माध्यम है हिन्दी, दिल में प्रेम जगाती हिंदी, जीवन सरस बनाती हिंदी, हिंदी से ही है हमारी शान, हिंदी ही हमारा अभिमान, हिंदी मेरी जान, हम इसपर कुर्बान।…

कर्मयोगी – कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”

जीवन में कुछ करना है तो, मन को मारे मत बैठो। बनकर दीन–हीन ऐ बंदे, हाथ पसारे मत बैठो। माना अगम अगाध सिंधु है, हार किनारे मत बैठो। छोड़ शिथिलता…