तुम मुझको नारी रहने दो… डॉ स्वराक्षी स्वरा

गीततुम मुझको नारी रहने दोअपनी अधिकारी रहने दो ।। सत्ता का लोभ नहीं मुझकोन  दौलत  की  ही चाहत है पैरों   के  बंधन   तोड़  मेरे निर्बन्धता   में    राहत    है चालें तेरी…

चुनावी जुमले बाज़ी –  जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’

चुनावी जुमले बाज़ी  जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’   जंगल राज कह कर सबको डराते हैं, विकास-भ्रष्टाचार के, मूद्दे हुए गौण है।   युवाओं का पलायन,रोके नहीं रूक रहा, मंहगाई के नाम…

आमोद हारी मुरारी- सर्वगामी/ अग्र सवैया छंद – राम किशोर पाठक

आमोद हारी मुरारी- सर्वगामी/ अग्र सवैया छंद – राम किशोर पाठक     आमोद हारी मुरारी सुनो भक्त का, भक्त तेरा तुझे ही पुकारा। राधा बिहारी धरूँ ध्यान तेरी सदा,…

राष्ट्रीय एकता दिवस – राम किशोर पाठक

राष्ट्रीय एकता दिवस   दिवस राष्ट्रीय एकता वाला। लेकर समरसता का माला।। आओ इसकी कथा सुनाएँ। सरदार पटेल से मिलवाएँ।। जन्म दिवस उनका है आज। संघटित भारत करने का काज।।…

शब्द साधना…रामकिशोर पाठक

मरहठा माधवी छंद शब्द साधना अगर, सब्र साधना, स्वयं साधा करे।शिल्प देखिए सहज, और सीखिए, मौन बाधा हरे।।अर्थ जानिए सदा, हर्ष मानिए, गर्व आधा धरे।यत्न कीजिए सरल, आज कीजिए, ज्ञान…

हर पल मर्यादा में रहना – राम किशोर पाठक

हर-पल मर्यादा में रहना – गीत शब्दों की कर हेराफेरी, नित्य नया कुछ चाहूँ कहना।मन को अपने समझाता हूॅं, हर-पल मर्यादा में रहना।। अक्सर देखा है दुनिया में, अहम भाव…

मैहर वाली मैं हर दें गर- राम किशोर पाठक

गीत सुख में जाए दिन-रात गुजर।मैहर वाली मैं हर दें गर।। सुंदर मनहर गीत लिखा है।माता से निज प्रीत लिखा है।।शब्दों का नवनीत लिखा है।भक्ति भावना रीत लिखा है।।आनंदित करता…

कब तक कोई अपना- राम किशोर पाठक

कब-तक कोई अपना- गीत छोटे-छोटे शब्दों से मन टूटेगा। कब-तक कोई अपना हमसे रूठेगा।। अपनों में तो खिच-खिच होती रहती है। खट्टी-मीठी यादें बनती रहती है।। मन का हर गुब्बारा…