नववर्ष चैत्र मास प्रकृति प्रदत्त इस नव वर्ष चैत्र मास का, जब होता शुभ प्रवेश! पेड़-पौधों, फूल, मंजरी, कलियों में, तब आ जाते नव आवेश!! नव वातावरण का नूतन उत्साह,…
हे मानव-भवानंद सिंह
हे मानव हे मानव, ईश्वर तुम्हें बनाया किस लिए, जगत का तुम कल्याण करो, तुम्हारा जन्म हुआ इसलिए। हे मानव, तुम अपनी शक्ति को पहचानो, ईश्वर के तुम उत्तम संतान…
मैं एक पुस्तक हूँ-भोला प्रसाद शर्मा
मैं एक पुस्तक हूँ मैं एक पुस्तक हूँ। मैं दया, धर्म, भाव का एक बीड़ा हूँ, जो मुझमें समा जाय वह शेष मात्र नहीं। हर संकट, सरस, समागम, खोज समर्थन…
बेटी की शिक्षा-संगीता कुमारी सिंह
बेटी की शिक्षा वो उड़ती है पंख फैलाकर, आसमान छूना ख्वाब है उसका। वो चलती है, आत्मविश्वास से भरकर, हर मंज़िल पा लेना, सपना है उसका। गिरती है, उठती है,…
माँ अनमोल हैै-अनुज वर्मा
माँ अनमोल है माँ तूँ अनमोल है, तेरा न कोई मोल है। मैं तो नादान था, हर गम से अंजान था। नाम मेरा है क्या, ये तूने बताया। माँ तूँ…
दोहे-अशोक कुमार
दोहे जब चीता तीन कदम पिछे की ओर जावे, बयालिस हाथ छलांग लगावे। जब तक चीता खड़ा है बचने का करें प्रयास, जब तीन कदम पिछे हटे न करें बचने…
पढ़ना है-अशोक प्रियदर्शी
पढ़ना है पढ़ने का काम जिसने शुरू किया अति उत्तम सबों को है विद्या दिया। पढ़ाई ही मानव का असली पूजा है इसके सिवा कुछ नहीं दूजा है। पढ़ना सिर्फ…
माँ शारदे-अवनीश कुमार
माँ शारदे माँ शारदे हम करे तेरी वंदना दया करना हम करे तेरी आराधना। विद्या की तू है अधिष्ठात्री करे तेरी वंदना दिवा व रात्रि। शुद्धता का प्रतीक है तेरी…
नन्हीं कोयल-आँचल शरण
नन्हीं कोयल काली कोयल चहक रही थी, डाल डाल पर फुदक रही थी, कभी शाख पर कभी पात पर, कुहू कुहू तान सुना रही थी। आखेटक की पड़ी टनकार सुनाई,…
अविरत बढ़े सदा ही जीवन में-अर्चना गुप्ता
अविरत बढ़े सदा ही जीवन में अविरत बढ़े सदा ही जीवन में, क्या पाया आज विचार करें। अंतस के दिव्य प्रकाशपुंज से, आलोकित जग-संसार करें। जो शुष्कता फैली उर अंतस…