माँ माँ की स्नेह गाथा मैं क्या खोलूँ । माँ की करुणा पर क्या बोलूँ ।। माँ कैसी भूलूँ वह मीठी यादें । कैसे भूलूँ वह प्यारी साथे । आपकी…
बैठा पंछी एक डाल पर-स्वाति सौरभ
बैठा पंछी एक डाल कर मिला मुझे रास्ते में, बैठा पंछी एक डाल पर। बना रहा था घोसला, तिनका तिनका जोड़कर।। आयी तेज आंधी और, तिनके बिखर गए जमीं पर।…
भिक्षुक-रीना कुमारी
भिक्षुक देखो बच्चो भिक्षुक आया, दरवाजा उसने खटखटाया, मैले-कूचे कपडों में आया, मनही मन जैसे भरमाया, सब दिखाये उसपर माया, देखो बच्चो भिक्षुक आया। झोली उसकी फटी-चिटी, आँखें उसकी धसी-धसी,…
माँ-प्रियंका कुमारी
माँ छोटा सा शब्द है “माँ” पर इसका न कोई मोल है यह तो वह होती हैं जो दुनियाँ में सबसे अनमोल है। माँ शब्द में छुपा हुआ वह शक्ति…
सभी को नमस्कार-प्रकाश प्रभात
सभी को नमस्कार सौर मंडल में सभी, तारों को नमस्कार। ग्रहों को नमस्कार। रवि को नमस्कार। बिधु को नमस्कार। अवनि को नमस्कार। भारत को नमस्कार। भारत देश के चारों दिशाओं…
जीवन की उलझनें-प्रीति कुमारी
जीवन की उलझनें बैठी थी आज थोड़ी देर को अपने घर के बालकनी में, समय अपने मंथर गति से आगे बढ़ रहा था, हवा भी धीरे-धीरे बहती हुई मानो अपने…
हमारा प्यारा संविधान-नरेश कुमार निराला
हमारा प्यारा संविधान हम भारत के नागरिक हैं तिरंगा हमारी शान है, लोकतंत्र की रक्षा हेतु बना विशाल संविधान है। हजारों बलिदानों के बाद हमने आजादी पायी है, गणतंत्र के…
एक गिलहरी-निधि चौधरी
एक गिलहरी बड़े पेड़ पर एक गिलहरी, उसे बुलाते सभी सुनहरी। जन्म जब यह लेती है, आँखों से अंधी होती है। धीरे धीरे बढ़ती जाती, फिर दुनियाँ देख पाती। झाड़ियों…
ग्रमीण सड़क-विजय सिंह नीलकण्ठ
ग्रामीण सड़क जब पहले ग्रामीण क्षेत्र में न होती थी सड़कें कीचड़ के संग खेला करते सब बच्चे लड़की लड़के। दुर्घटनाएँ न होती थी न था रोना धोना जब से…
संस्कारों से प्यार है-नूतन कुमारी
संस्कारों से प्यार है जो बना ले संतुलन परिस्थिति से, करे द्वंद्व स्वयं से और नियति से, कायम करे वर्चस्व, अपने कृति से, पाना देना व त्यागना सीखें संस्कृति से,…