शांति जिसके भाल वो बहादुर लाल- विवेक कुमार

शांति जिसके भाल वो बहादुर लाल गांधी के संग जन्म ले थामा था जिसने कमान, मातृभूमि को पराधीनता की जंजीरों से करने आया जो मुक्त महान। शांति जिनके भाल वो…

उद्बोध-गिरिधर कुमार

स्वप्निल सा कुछ, टूटता, सँवरता… जिद से, कभी अपने ही मूल्यों से, अतृप्त, बेपरवाह, अकिंचन, अद्भुत… मनोरोग कोई या जिजीविषा का कोई रूप… कोई कविता या अपना ही कुछ लेखा…

सब में प्रभु का रूप समाया-दिलीप कुमार गुप्त

सब में प्रभु का रूप समाया  झिलमिल तारों का श्याम व्योम अवनि के वक्ष पर अवतरित हिम ओम अथाह सिंधु की गहन गर्जना प्रकृति की मनभावन रूप संरचना सुगंधित पुष्प…

आईना-प्रमोद कुमार

आईना तब तो तू बहुत खुश था, सुन्दर रूप अपनाया था। तेरे अरमानों के माफिक मैंने तुझको सजाया था।। मस्ती की झलक आंखों में, रग में गजब रवानी थी। बशा…

पुण्य प्रतापी और साहसी थे बापू – एम० एस० हुसैन “कैमूरी”

पुण्य प्रतापी साहसी थे बापू आजादी के थे आप पुरोहित सर्वस्व लगाया अपने देशहित कैसे भूल पाएंगे भारतवासी आपके कर्म कृतार्थ जनहित। भारत को थी जब पड़ी जरूरत बापू ने…

सत्य और अहिंसा के पुजारी बापू-सुरेश कुमार गौरव

सत्य और अहिंसा के पुजारी बापू जग में हमारे बापू और गांधी नाम है बड़ा ही प्यारा सादगी पूर्ण जीवन का कर्मक्षेत्र था बड़ा ही न्यारा। आज ही के दिन…