होली-रीना कुमारी

होली होली आई, होली आई, रंगो का त्योहार है लाई। सबके लिए ये खुशियाँ लाई। चुन्नु मुन्नु ने आवाज लगाई, होली आई, होली आई। सोनू मोनू ने भरी पिचकारी एक…

हमारा पर्यावरण-रीना कुमारी

हमारा पर्यावरण पड़े-पौधे लगाना है, पर्यावरण बचाना है। पानी को बचाना है, जीवन को सजाना है। चिडियों को चहचहाना है, मस्त मयूर नचाना है। मदारी से डमरू बजवाना है। बंदर…

कोसी-डाॅ अनुपमा श्रीवास्तव

कोसी तोड़ के सारी सीमाओं को छोड़ के पिछे बाधाओं को, पीहर आई हैं सब मिलने ये “सातो” नदियाँ हैं बहनें। आया लेने भाई “सावन” स्नेह-सूत बंधवाने “पावन”, इठलाती बलखाती…

दीन हीन आँखें-देव कांत मिश्र

दीन-हीन की आँखें मैंने इस लॉकडाउन में एक दीन-हीन व्यक्ति को देखा पहले जैसा हँसमुख नहीं ख़ामोश व ग़म के आँसू पिए चेहरे पर उदासीनता की रेखा उसकी आँखें कह…

मंजिल दूर नहीं-अवनीश कुमार

मंजिल दूर नहीं कर्म निरन्तर करता चल व्यर्थ चिंतन छोड़ता चल रणनीतियाँ गढ़ता चल आत्ममंथन करता चल खुद से तुलना करता चल अपने पर विश्वास रख मिल जाएगी ही मंजिल…