विवेकानंद जी ने शिकागो संदेश से जीता दिल मातृभूमि पर जन्मा एक संत बड़ा पुराना था, शील सी जिजीविषा थी उनकी, वेदों के जो ज्ञाता थे, 1863 में जन्म ले…
हरा पेड़ मत काटे कोई-सुनिल कुमार
हरा पेड़ मत काटे कोई हरे पेड़ मत काटे कोई, शुद्ध हवा नहीं मिल पाएंगे। पेड़ अगर कट गए जो सारे, जंगल जीवन न बच पाएंगे॥ जंगल में ही रहते…
झांसी की रानी-मधु कुमारी
झांसी की रानी साहस और वीरता थी जिसकी पहचान हुई कम न कभी जिसकी आन बान शान और नहीं कोई वो तो नई नवेली रानी थी लड़ी बेखौफ अंग्रेजों से…
शिक्षक राष्ट्र निर्माता है-एम० एस० हुसैन “कैमूरी”
शिक्षक राष्ट्र निर्माता है दूर करे अंधियारा जो वह दीपक कहलाता है दूर कर दे अज्ञानता जो वही शिक्षक कहलाता है। अच्छे और बुरे कार्य को जो स्पष्ट समझाता है…
खुशहाल रहेगा देश हमारा-मधुमिता ‘सृष्टि’
खुशहाल रहेगा देश हमारा भारत देश सदा खुशहाल रहेगा, देश हमारा सारे विश्व को दिखलायेगा, देश हमारा सबसे प्यारा है, देश हमारा सदा विजयी था, सदा विजयी है, विजयी रहेगा…
शिक्षा का दीपक जलाएं-ब्यूटी कुमारी
शिक्षा का दीपक जलाएं अज्ञानता रूपी अंधकार को दूर कर चलो शिक्षा का दीपक जलाएं। झोपड़ी वाले बच्चों को भी शिक्षा और नैतिकता का पाठ पढ़ाएं। निरक्षरता को दूर कर…
धरती को स्वर्ग बनाएं-जैनेन्द्र प्रसाद रवि
धरती को स्वर्ग बनाएं आओ बच्चों मिल जुल कर हम स्वच्छता अपनाएं, पृथ्वी को प्रदूषण मुक्त कर धरती को स्वर्ग बनाएं। नदियों में नाले बहाने से जल प्रदुषित होता है,…
राष्ट्र धर्म-दिलीप कुमार गुप्त
राष्ट्र धर्म क्षेत्रीयता की संकीर्णता के पार स्वार्थ परक नीति के उस पार भाषाई मनोवृत्ति से मुख मोड़कर अस्पृश्य तमिस्त्रा से रिश्ता तोड़कर भारत ज्योत्सना झिलमिलाना है आओ! हमें राष्ट्र…
राही-एस. के. पूनम
राही हे राही! जिस राह पर चल पड़े हैं क़दम, उस राह को कभी छोड़ना नहीं, राहें होगी हजारों कंटकों से भरी, पर अपने अधरों पर रखना मुस्कान। हे राही!…
आत्मलय-गिरिधर कुमार
देखता हूँ गौर से क्षितिज के पास लेकिन सम्मुख सा सभी कुछ के साथ स्वयं की प्रतीति ऊहापोह और विश्रांतता दोनों ही! यह तो अपना ही चेहरा है! यह तो…