कंप्यूटर-शुकदेव पाठक

🖥️🖥️💻💻 ⌨️🖱️🖨️📀 कंप्यूटर एक सपना था अनोखी, निराली हुआ जीवंत हुई अनंत खुशहाली। इसे देखकर मन हुआ उमंग इससे करना था कार्य अनंत।। सन 1822  की है बात पास्कल की…

दर्पण की अदाकारी-प्रियंका प्रिया

दर्पण की अदाकारी सोलह श्रृंगार कर जब दर्पण सम्मुख इतराते सब, सुन तारीफें खुद की मन ही मन इठलाते सब।। दूसरों के सामने झूठ बोलने से नहीं कोई कतराते जब,…

एहसान-स्वाति सौरभ

एहसान उपहार में मिली कार आप पर एहसान होती है पुरस्कार में मिली कलम आपकी पहचान होती है सौदे से मिली शोहरत,आप पर एहसान होती है मेहनत से मिली सम्मान,…