मनहरण घनाक्षरी तप गई आज धरा, धूल संग चली हवा बढ़ गई गर्मी धूप,घर में छुप जाए। प्रातःकाल उठ कर, नित्य दिन सैर कर, सुबह में पेट भर,फल-फूल ही खाए।…
सुरक्षित रहे प्राण- एस.के.पूनम।
विधा:-रूपघनाक्षरी (सुरक्षित रहे प्राण) तरु की पत्तियां झड़ी, मंजरी भी गिर पड़ी, पतझड़ के मौसम का यही है पहचान। चल रही गर्म हवा, पिघलने लगे रवा, आनन झुलस गये,अत्यधिक तापमान।…
आओ मतदान करें- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
देश की आजादी को अगर अक्षुण्ण बनाए रखना है। तो सोच-समझ व जाँच-परखकर नेता को हमें चुनना है।। अपनी पिछली पीढियों के त्यागों का मान यदि रखना है। तो उठो…
मौसम का कहर- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
गर्म ये हवाएं चली,वदन में आग लगी, अप्रैल के आरंभ में, खिल रही कड़ी धूप। अभी केवल झांकी है, मई आना तो बाकी है, धरती को लील रही,धर के प्रचंड…
परीक्षा परिणाम- दीपा वर्मा
आया परिणाम बच्चों का, उत्साह देखते बनता है। कुछ बच्चे हैं डरे-डरे, जाने क्या मेरा होना है। नए वर्ग मे जाना है,नयी किताबें, नयी कापियां, नया बैग ,सजाना है। परीक्षा…
दोहा- मनु रमण चेतना
जब कोई तकलीफ़ हो, बिगड़े सारे काम। दुखी न होना चाहिए, भजिए केवल राम।। मोह दुखों का मूल है, तजिये सकल विकार। मंत्र-जाप दिन रैन कर,करिये भवनिधि पार। साहब हीं…
नारी- दीपा वर्मा
नारी बेचारी,पापा की प्यारी, भैया की दुलारी। मायके की लाज बचाती, ससुराल की आन निभाती। काम के बोझ की मारी, थकी-हारी ,नारी बेचारी। सबके लिए बनी नारी, उसकी नहीं होती,…
पुस्तक – सुरेश कुमार गौरव
पुस्तक सच में ज्ञान का भंडार होती है सतत् शिक्षा ज्ञान रुपी बहती गंगा होती है! बचपन में पहली पुस्तक जब हाथ में आया ज्ञान की पहली सीढ़ी वर्णमाला से…
साल का कविता – शाहिद अख्तर
साल में महीने देखो बच्चों, होते हैं कुल बारह पहली होती है जनवरी, बाकी बच गए ग्यारह! फरवरी माह अनोखा ऐसा सबको यह सिखलाता चार साल में बच्चों इसमें एक…
उज्ज्वल रखना भाल – मनु कुमारी
इम्तिहान का आ गया,सुंदर सा परिणाम। उल्लासित बच्चे यहां, खूब करेंगे नाम।। बच्चे निर्धन के सदा, पढ़ते मन चित लाय। शिक्षा हेतु और नहीं,कोई यहां उपाय।। नैतिकता की सीख ले,…