🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 (होली विशेषांक) मनहरण घनाक्षरी मियां-बीबी मतवाले साला-साली दिलवाले होठों पर लाली देख,फिसल न जाइए। गुलाल गुलाबी रंग, लग गया अंग-अंग, भींग गया तन-मन,गले भी लगाइए। फल-फूल घर…
रूपघनाक्षरी – एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 आगे राधा पीछे कान्हा, अंजुली में पुष्प माला, बैठी है गोपिका नीचे,अधरों पर मुस्कान। कृष्ण पाएं श्याम रंग, हरिप्रिया श्वेत अंग, गेसूओं में पुष्प गुच्छ,करे नहीं अभिमान।…
पुरुष- कुमकुम कुमारी “काव्याकृति”
यदि तुम विवेक सम्पन्न हो धर्म की वैज्ञानिकता को समझते हो अभ्युदय व निःश्रेयस की सिद्धि करते हो तो निश्चय ही तुम पुरुष हो… यदि तुम ऊर्ध्वगामी हो प्राकृतिक संपदा…
होली का रंग – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
होली का रंग मनहरण घनाक्षरी छंद फाल्गुन महीना आया तन-मन हर्ष छाया, वृंदावन में होली का,दौर चहुंओर है। हिरनी सी चले चाल चुनरी पहन लाल, गोपियों के अंग लगा, रंग…
दिखता उल्लास है- एस.के.पूनम
🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏 मनहरण घनाक्षरी अमिया की डाली पर, कान्हा बैठे छुपकर, राधारानी ढ़ूंढ रहीं,सखियाँ उदास है। रंगों का त्योहार आया, चहूँओर हर्ष लाया, बाल-सखा दौड़ पडा़,मिलन भी खास है।…
मंजरी भी न्यारी है – एस.के.पूनम
सरसों के पीले-पीले, फलियों में दाने भरे, झूम रही हवा संग,कलियाँ ये प्यारी है। रस चूसे मधुकर, किसलय पर बैठ बनाया है देवाहार,अद्भुत तैयारी है। पूनम की रात आज, महकी…
कृपाण घनाक्षरी – एस.के.पूनम
कवियों की गोष्ठी आज, साध कर सुर साज, खोल देते सारे राज,कवित्त करे झंकार । शब्द जोड़-तोड़ लिखा, कविता पढ़ना सीखा, जहाँ-जहाँ मुझे दिखा,कहाँ श्रम से इंकार । करके वाचन…
नारी तू नारायणी है – जैनेन्द्र प्रसाद रवि
समाज की बलि नित्य बनती है औरत! क्या समाप्त हो गई इसकी जरूरत? श्रद्धा से प्रेरणा पा “मनु’ को आई जागृति, नारी समाज के दामन से जुड़ी भारत की संस्कृति।…
गीत -सुधीर
गीत – ३२ यति – १६,१६ २२२२ २२२२ धरती की चूनर हरियाई , रंग बसंती सब पर छाई । खेतों में सरसों लहराते , तन मन दोनों को महकाते ।…
मनहरण(महिलाओं को समर्पित) – एस.के.पूनम
उतरी है नन्ही परी, हाथ-पाँव मार रही, आँगन तो किलकारी से गुंजायमान है। कद़म-कद़म पर, बजता है रणभेरी, हटी नहीं कभी पीछे,छेड़ी अभियान है। वाणी सुन दौड़ जाती, आती है…