वैदिक संस्कृत मेरी जननी, शिव के सुरनाद से जन्मा हूँ, देवनागरी लिपि के वर्णों के, वर्णाक्षरों से तराशा हूँ, मै हिन्दी भाषा हूँ।। नभ में गूंजे प्रसार मेरा, बावन अक्षर…
हमारी हिन्दी – BIJENDRA KUMAR
समृद्ध विरासत है भाषा की,जिसकी मैं पहचान हूँ, जिस सलिल हिलोरित बहुभाषा,वह हिन्दी मैं जलधाम हूँ। मैं भाषा को रुचिर बनाती,मैं शब्द श्रृंगार हूँ, राष्ट्र-गौरव गाथा की ,मैं हिन्दी उद्गार…
हिंदी हमारी प्रेरणा – BEAUTY KUMARI
हिंदी हमारी परिणीता, हिंदी हमारी अस्मिता। हिंदी हमारी शान है, हिंद की पहचान है। मां भारती के माथे की बिंदी, हिंद की परिचिता हिंदी। हिंदी हमारी प्रेरणा, जीवन की नवचेतना।…
हिंदी भाषा का महत्त्व – अमरनाथ त्रिवेदी
हिंदी भाषा जितनी सबल है , उतनी न अन्य कोई भाषा । यह जीवन के सुनहरे पट पर , जीवन की लिख रही अभिलाषा । अमित आकर्षणों के द्वार खुले…
काब्य लेखन-मेरी हिन्दी – MITHILESH KUMAR
भारत की बिंदी है हिंदी,संस्कार से भरीं हुयी। देवनागरी लिपि में लिखी -पढ़ी जाती है ये हिन्दी। अ,आ स्वर है,क से ज्ञ ब्यंजन है, संयुक्त अक्षर चार है क्ष,त्र,ज्ञ,श्र। वर्ण…
पितृपक्ष – नीतू रानी
माता-पिता की न सेवा किया न दिया उनको कभी सम्मान, कुछ नहीं होगा जाकर गया उनके लिए देने से पिंडदान। जिंदा में उनको दिया गाली, धक्के की सौगात, मरने के…
मेरी पहचान है एक शिक्षक की – Prabhat Kumar
मेरी पहचान है एक शिक्षक की मै बुनता हूँ सपनें हर बच्चे की देखता हूँ सच्ची रहे राहें जिस पर चलने की मेरी पहचान है एक शिखक की हर माता…
बच्चे रोज आते स्कूल- नीतू रानी
बच्चे रोज आते स्कूल,पेंसिल लाना जाते भूल। बच्चे को है खेल पसंद,पढ़ने में नहीं आता आनंद। मोबाईल चलाने में नंबर वन,टीवी देखने में लगता है मन। बिना मोबाईल चलाएँ खाना…
सच – Hariom Kumar Sharma
तुम्हारा सच, मेरा सच बस तुम जानो या मैं जानूं. तो फिर क्यों है इतनी उम्मीदें, बंधन और कड़वाहट? तुम्हारा अकेलापन या मेरा अकेलापन बस तुम जानो या मैं जानूं.…
कड़वी बातें – Hariom Kumar Sharma
💔 संघर्ष में तुम अनाथ हो, मित्र… 🥀 🚶♂️ काफिला तो सफलता के बाद ही उमड़ता है…!!!! 🏆🎉 ज़िंदगी की हकीकत यही है, जो तुम्हें रुलाता है… 😢 अक्सर वही…