वाह रे इंसान *****************धन-दौलत सब माल-खजाना यहीं धरा रह जाएगा,खाली हाथ तू आया बंदे खाली हाथ ही जाएगा।मूर्ति की पूजा करता है माता-पिता से प्यार नहीं, पद-पैसा पा इतराता है…
तन्हा तन्हा..राम किशोर पाठक
कुण्डलिया तन्हा-तन्हा है आज-कल, यहाँ सकल संसार।कारण इसका क्या भला, करिए जरा विचार।।करिए जरा विचार, कभी खुद को भी झाँके।बना बहाना काम, नहीं औरों को ताके।।होते सभी समान, नहीं कोई…
संस्कार-गिरीन्द्र मोहन झा
कहता हूं, व्यक्ति अपने संस्कार का ही होता है गुलाम, सुसंस्कारवश अच्छा काम करता, कुसंस्कार से बुरा काम, अच्छा संस्कार सत्कर्मों, सद्विचारों के चिंतन से ही बनता है, कुकृत्यों, बुरे…
गौरव..रामकिशोर पाठक
नाभा छंद २११-१११, २२२-२२ गौरव क्षणिक, पाना क्यों चाहें।कौन बरबस, फैलाता बाहें।।चाहत अगर, मैला हो तेरा।अंतस गरल, फैलाए डेरा।। सुंदर सृजन, होते हैं ज्यों ही।वंदन नमन, पाते हैं त्यों ही।।भक्ति…
सर्दी का मौसम… आसिफ़ इक़बाल
देखो ठंडी हवा चली,गाँव-शहर के गली गली।सर्दी का मौसम है आया,प्रकृति का संदेशा लाया। दृढ न रहो, अटल न रहो,रहो न एक जैसा हर बार।तुम भी खुद को बदलो ऐसे,मौसम…
भजन..रामकिशोर पाठक
प्रभु नाम का कर ले – विधाता छंद गीत फलेगा काम सब तेरा, शरण अब राम तुम धर ले।मिटेगा पाप सब तेरा, भजन प्रभु नाम तुम कर ले।। चलो राहें…
रुख हवाओं का बदल दूं..
गजल२१२२-२१२२ नैन तेरे कर सजल दूँ।आज लिखकर मैं गजल दूँ।। कौन तेरा है बता दो।आज रिश्तें कर अटल दूँ।। यूँ न फेरों नैन हमसे।लग रहा खुद को गरल दूँ।। चाहता…
मत कर मेरी अभी ब्याह री मेरी मैया – नीतू रानी
मत कर मेरी अभी ब्याह री मेरी मैया – नीतू रानी मत कर अभी मेरी,ब्याह री मेरी मैया, अभी न हुई ब्याह की लायक री मेरी मैया। मुझे अभी स्कूल…
मत करना तू ब्याह अभी – मनु कुमारी
जी भर कर अभी खेल ना पाई सखियों के संग मैया। मेरे ब्याहने के खातिर तू बेच रही क्यों गैया।। अपने हक का लाड़ प्यार मुझको री मैया दे दो।…
कर्म हमें ऐसा करना है- सरसी छंद गीत – राम किशोर पाठक
कर्म हमें ऐसा करना है- सरसी छंद गीत कर्म हमें ऐसा करना है, जिससे मिले सुकून। जीवन मूल्य लक्ष्य को पाना, रखिए सदा जुनून।। चलते रहना काम हमारा, मन में…