मनहरण घनाक्षरी – एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-मनहरण घनाक्षरी पूनम की निशा काल, स्वर्णिम है मेरा हाल, रवि दिखा प्राची दिशा,चमकता माथ है। पक्षी करे कलरव, आलस्य को त्याग कर, स्नान,ध्यान नित्य कर्म,सदैव से साथ…

छागर की माॅ॑ – नीतू रानी” निवेदिता”

छागर की माॅ॑ बकरी कहती है क्या यहीं है नवरात्रि का त्योहार, जिस त्योहार में की जाती है मेरे आगे मेरे बच्चों की मार-काट। मत मारो मेरे बच्चे को न…

नीलकंठ पक्षी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

विजयादशमी पर्व का महिमा महान है, नीलकंठ चिड़िया का, शुभ होता है दर्शन। सुबह से शाम तक पक्षी का दीदार करें, सफल उद्योग होते, ये शास्त्रों में है वर्णन। नील…

भवानी सुन – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘

ममतामयी मातु भवानी सुन, आद्या जननी तू सदगति दे। इहलोक में जगदम्बा सुन ले, भावप्रीता मुझे शरणागति दे। ममतामयी मातु भवानी सुन.. मैं मूढ़मति तू सुन आर्या, हे महातपा मुझे…

अष्टमी का महाव्रत – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

भारत में नर-नारी समूल संकट हारी, श्रद्धा पूर्वक रखते, अष्टमी का उपवास। गृहस्थ हो याकि संत, भक्ति भाव में हो रत, सबसे उत्तम व्रत, रोग दोष करे नाश। मंगल कल्याणकारी…

प्रभु सुन लें पुकार- एस.के.पूनम

🙏कृष्णाय नमः🙏 विधा:-रूपघनाक्षरी (प्रभु सुन लें पुकार) रात है अमावस्या की, प्रकाश है खद्योतों से, हृदय में ध्यान कर,सूर्य प्रभा से संसार। हिया में विकार भरा, सोच कर परेशान, प्रयास…

जननी जगदम्बा – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

मनहरण घनाक्षरी छंद कहते हैं साधु संत जिनका न आदि अंत, असीम आनंद पाते, करते जो ध्यान हैं। श्रद्धा भक्ति भाव रख भजन पूजन करें, हमारी समस्याओं का मिलता निदान…

मां का दरबार – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

विद्या:- मनहरण घनाक्षरी छंद अक्षत चंदन संग पूजन की थाल लिए, आते रोज नर-नारी, मां के दरबार में। अखियाँ तरस रही, कब से बरस रही, दर्शन को लालायित, खड़े इंतजार…