प्रभाती पुष्प किसान हुआ लाचार रूप घनाक्षरी छंद फसलों की उपज का मिलता नहीं है भाव, एक किनारे में खड़ी, डूब रही अब नाव। केवल खेती के बल चले नहीं…
जी का जंजाल – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
रूप घनाक्षरी छंद कार्य करने से पूर्व फल पे विचार करें, बिना सोचे करने से, जी का बनता जंजाल। स्थाई होता सुख नहीं भोग और विलास में, जगत की चकाचौंध,…
तखने हाएत सफल सब काम – नीतू रानी
विषय -जातिगणना शीर्षक -तखने हाएत सफल सब काम। तखने हाएत सफल सब काम जखन देत शिक्षक केअ मेहनत के पूरा दाम तखने हाएत सफल सब काम। दिन राएत जनगणना में…
ऋतु का एहसान – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
खिल गई कड़ी धूप समय के अनुरूप, काली घटा छट गई, साफ हुआ आसमान। झूमती पेड़ों की डाली मही पर हरियाली, धरती आबाद हुई, प्रकृति का वरदान। पोखर तालाब भरे,…
पूर्वजों को श्रद्धांजलि – जैनेंद्र प्रसाद रवि’
पूर्वजों को श्रद्धांजलि जिनके बांहों में झूले, छाया पा के गम भूले, जीवन में फले-फूले, उनके आशीष से। भरपूर प्यार दिया, हमको संस्कार दिया, मिलती मंजिल नहीं, केवल कोशिश से।…
करना होगा कर्म महान -कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति
यूं ही नहीं किसी को,दुनिया में पूजा जाता। महादेव बनने को,हलाहल को पिया जाता।। चाहत है यदि तेरी, मिले तुमको भी सम्मान। हे नर सुनो तुमको,करना होगा कर्म महान।। औरों…
पितृपक्ष – चंद्रशेखर कुमार गुप्ता
श्रद्धा समर्पण उनके प्रति जिनसे अस्तित्वमान आज हम हमारी श्रद्धापुरीत जलधारा का प्रवाह कुल वृक्ष की जड़ों को जड़ों के सिंचन से पल्लवित पुष्पित होते शीर्ष हम श्रद्धान्वित कर्मो से…
बुजुर्गों का सम्मान करें – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
विद्या:-रूप घनाक्षरी छंद बुजुर्गों का ध्यान धरे, हमेशा सम्मान करें, परिवार की वे जड़, घर की वे बुनियाद। हमेशा आशीष देते, पिता जैसे हमें सेते, सिर पर साया रहे, करते…
जितिया पावैन बड़ भारी – नीतू रानी
जितिया पावैन बड़ भारी अपन धिया पुता लेअ करै ये सबके महतारी जितिया पावैन ———२ एक दिन पहिले नहाअखाए खाय मरुआक रोटी नारी , भिनसर उईठ केअ औटघन खाययेअ चूड़ा…
That man in Frail looking Frame -Ashish kumar pathak
That frail looking man in Flesh and blood Yet Courage personified and so do his true words Although his focus was an individual but aim always humanity So ended up…