कलकल झरझर, बहती है निर्झरिणी, साहिल से टकराते ही लहरें बोलती। प्रवाह हो अवरुद्ध, बहती है कटकर, जीवन में यही सीख,प्रेमरस घोलती। अथाह है जल राशि, करुणामय है साथी, प्यासे…
दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
चंद्रयान है चाँद पर, हर्षित भारत देश। वैज्ञानिक सब धन्य हैं, देख सुखद परिवेश।। जय जय भारत देश में, जय जय है विज्ञान। चंद्रयान अभियान से, बढ़ा जगत् में मान।।…
हिंदी का सम्मान – संजय कुमार सिंह
हिंदी का सम्मान कहां है,राष्ट्र का अभिमान कहां है। सिमटी हैअस्तित्व बचाने,ऐसा भी सौभाग्य कहां है।। घर की मुर्गी दाल बराबर,आन गांव का सिद्ध यहां है। अंग्रेजी बन बैठी रानी,…
बेटियां – संजय कुमार
ससुराल की परेशानियों से जब थक जाती है बेटियां, तब कुछ दिन मन बहलाने के लिए मायके आती है बेटियां। आते ही वहीं दहलीज़ पर चिंता की लिबास उतार देती…
बेटी – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
ममता बड़ी प्यारी है, समता बड़ी न्यारी है, बेटी ही तो बनती माँ, माँ की परछाईं है। मानवता की जान है, देश का अभिमान है, नील गगन से जाके, आँख…
कुंडलिया – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
बेटी से नित बढ़ रहा, आज देश का मान। बेटों से आगे सदा, रहते इनके काम।। रहते इनके काम, देश की शान बढ़ाती। यही सृष्टि का धाम, यही संसार रचाती।…
बिटिया – मीरा सिंह ‘मीरा”
बिटिया है पहचान हमारी बिटिया है अरमान हमारी। घर आंगन की रौनक बिटिया होठों की मुस्कान हमारी। हर बाधा से टकराती है बिटिया रखती मान हमारी। आंखों की पुतली लगती…
बेटी दिवस पर समर्पित – मणिकांत मणि
हर घर-घर की मान है बेटी। माथे का स्वाभिमान है बेटी। जीवन के अरमान है बेटी। वसुंधरा पर गुमान है बेटी। जिसके घर न बेटी जन्मी, बेटी खातिर तरस रहा।…
बेटियाँ – रूचिका
बेटियाँ बनकर रहमत जिंदगी में आती, गौरैया सी आँगन में फुदक फुदक कर, घर आँगन की देखो शोभा है बढाती, जोड़ती है दो परिवारों को अपने प्रेम से कुछ इस…
शैक्षणिक गतिविधि – नीतू रानी
आओ बच्चों सब मिलकर करना आज शैक्षणिक गतिविधि, अगर थक जाएगा तो थोड़ा लेना पानी पी। चित्र बनाना, गाना, गाना नाचना, खेलना रहना खुश, आज पिलाएँगे तुम सबको हम ठंडे…