लगते कितने पुष्प अभिराम गहरा चिंतन कर लो मानव। फूलों-सा नित बनिए ललाम करो नष्ट मत बनकर दानव।। फूल प्रकृति का अनुपम उपहार गुण सुरभित पा हंँसते रहिए। करिए जीवन…
श्रावण- देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
शुचि मन-भावन श्रावण आया आगत को लख हों पुलकित मन। अम्बर बादल चहुँदिशि छाया। दृश्य मनोहर बरसा-सावन।। कृषक मुदित मन गीत सुनाते रिम-झिम बूँदें हैं हर्षाती। सुमन विटप मन को…
फलों का राजा आम – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
आम का मौसम आया, स्वादिष्ट सौगात लाया, सुन्दर रसीले और भाव-सुर लहरी। कोई खाए आम्रपाली, केशर किशुन भोग, जर्दालु केसर चौसा, मालदा दशहरी। लंगड़ा फजली रत्ना बंबइया अलफांसो, छककर खूब…
लाल टमाटर – मीरा सिंह “मीरा”
लाल टमाटर छिपें कहां हो दिखते क्यों ना आज यहां हो। अभी अभी तो आएं थे तुम हाथ हिलाते चले कहां हो।। खोजते फिरें लोग सभी अब सारी दुनिया में…
भिखारी ठाकुर – एम० एस० हुसैन कैमूरी
18 दिसंबर सन् 1887 के जन्म भईल सारण जिला के कुतुबपुर प्यारा सा गांव भोजपुरी के जे देहलस दुनियां में पहचान भिखारी ठाकुर बा उनकर प्यारा सा नाम कवि के…
दोहा – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
दीप जलाकर ज्ञान का, करिए गुरु का गान। चरण शरण रहकर सदा, तजिए निज अभिमान।। गुरुवर प्रतिदिन शिष्य को, देते नैतिक ज्ञान। मन वचनों से कर्म से, करें नित्य सम्मान।।…
जन्मदिन गीत – नीतू रानी
नाना नाती का मना जन्मदिन, बड़ी धूमधाम से। जन्मदिन के दिन सत्संग भजन हुआ, संतों का मिला आशीष संतों के हाथ से नाना नाती ———2। जन्मदिन के दिन बड़ा केक…
वन महोत्सव – नीतू रानी
आओ बहना आओ हमसब मिल पेड़ लगाएँ, हरे- भरे पेड़ों के बीच वन महोत्सव मनाएँ, आओ बहना ——2। 🌳🌴🌲🌳🌴🌳 पर्यावरण को स्वच्छ बनाएँ फल- फूल अपने दरवाजे लगाएँ, अगल- बगल…
वर्षा रानी – जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
वर्षा आई झमाझम, मोती गिरे छमाछम, किसानों के चेहरे पे खुशी की निशानी है। बिजली कड़क रही, घटाएं गरज रहीं, मोरनी भी आज हुई मोर की दीवानी है। अखियां चमक…
गुरु पूर्णिमा – नीतू रानी
गुरु पूर्णिमा पर गुरु को है शत् -शत् बार प्रणाम, जबतक सूरज चाँद रहेगा अमर रहेगा गुरु का नाम। गुरु बिन ज्ञान न मिले गुरु बिन मिटे न अंधकार, गुरु…