स्वामी विवेकानंद (12 जनवरी, 1863- 4 जुलाई, 1902) हे पुरुष-सिंह ! हे मानवता के अवतार ! बचपन से ही तुम थे दानी परम उदार, हे नरेन्द्र ! बचपन बीता खेल-खेल…
नमामि शंभु- राम किशोर पाठक
नमामि शंभु कृपालु शंकर आदि सुरेशा। नमामि शंभु महिषं महेशा।। त्रिलोचनाय कालं करालं। रूपं अनूपं तव चंद्र भालं।। जटा- जूटधारी हरणं क्लेशा। नमामि शंभु महिषं महेशा।। ओमकार रूपं निराकार रूपं।…
शिवम नमः – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
शिवम नम: तुम व्रह्म हो व्रह्माण्ड के जीवंत मूल सार के, सहस्त्र गंग धार के, तुम प्रेम के प्रकाश के, अनंत दिग दिगंत के, तुम ब्रम्ह हो ब्रह्माण्ड के, नमः…
विश्व जनसंख्या दिवस – राम किशोर पाठक
विश्व जनसंख्या दिवस माह जुलाई की जुड़ा, एक अनोखी तार। ग्यारह आती तिथि जहाँ, होता नया प्रचार।। जनसंख्या के आंकड़े, पकड़ी जब रफ्तार। विश्व इकठ्ठा हो गया, करने यहाँ विचार।।…
गुरुजन – राघव दुबे
गुरुजन गुरुजन होते हैं सदा, जीवन की पतवार । उनसे ही हम सीख कर, रचते नव संसार । रचते नव संसार, समय पर खरे उतरते । सीख बने वरदान, पंथ…
जगत में गुरु से न कोई महान- अमरनाथ त्रिवेदी
जगत में गुरु से न कोई महान ज्ञान है मिलता गुरु कृपा से , मिलता हर भय से त्राण । वंदे तू गुरु की कीमत जान । जगत में …
हे गुरु- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
हे गुरु हे गुरु स्वीकार करना इक नमन संस्कार रे मन, जागने के फन का तू ही है मेरा आधार रे मन, स्वर्ण आभा स्वर्ग सुख या हो जगत आधार…
साक्षात भगवान – जैनेन्द्र प्रसाद ‘रवि’
साक्षात भगवान **†***†****†*****†*****† करते हम गुरु वंदना,धर चरणों का ध्यान, जिनकी कृपा कटाक्ष से,मिटे सकल अज्ञान। गुरु कृपा से सर्वसुलभ, ज्यों करते गुणगान। शरणागत हो जाते हीं, तजकर निज अभिमान।…
वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत- राम किशोर पाठक
वंदन गुरु का करते सारे – अंजनेय छंद गीत गुरुवर तेरे वैभव न्यारे। वंदन गुरु का करते सारे।। जो जन शरण तुम्हारी आते। पीड़ा मन की सहज भगाते।। सबको वर…
गुरु – रुचिका
गुरू अज्ञानता के गहन तिमिर से, ज्ञान के प्रकाश की ओर ले जाए। मन के भीतर के तमस मिटाकर, रोशनी चारों ओर पहुँचाए। गुरू के दिये ज्ञान से हमारा जीवन…