रोको ना मुझे टोको ना मुझे, पंछी को पर फैलाने दो है आज़ादी का स्वप्न मेरा, मुझे पंख खोल उड़ जाने दो तिनके चुन रखे हैं सपनों के, मैंने परों…
नहीं परेशान हों- एस.के.पूनम
विद्या:-मनहरण घनाक्षरी🌹 शीत का शीलन घटे, ऊर्जा का प्रवाह बढ़े, खेत-खलिहान सजे,सुखद किसान हो। गेहूं की बालियां झुमे, खर-पतवार दिखे, हसुआ लेकर काटे,यही परवान हो। समीर बदला रूप, उष्णता शीतल…
देशप्रेम- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
मनहरण घनाक्षरी छंद देश के सपूत करें, रोज दिन निगरानी, भारत की सीमा पर, सेना की निगाह है। दिन नहीं चैन मिले, रात नहीं नींद आती, देश की सुरक्षा हेतु,…
आन बान आउर शान बा- विवेक कुमार
आन बान आउर शान बा, तिरंगा हम्मर जान बा, मर जाईब, मिट जाईब, इसकी खातिर दुनिया से भी लड़ जाईब, सर पे कफ़न हाथ में कलम की धार बा, सच्चाई,…
बालिका भ्रूणहत्या व्यथा-सुरेश कुमार गौरव
एक विचारणीय प्रश्न क्योंकि बालिका दिवस का मतलब समझना होगा। बालिका भ्रूणहत्या एक गंभीर समस्या है। इस पर रोक के प्रावधान भी हैं। पुरुष-स्त्री लिंगानुपात में असमानताएं देखे जा सकते…
सुन ओ मुनिया- मीरा सिंह “मीरा”
सुन ओ गुड़िया,सुन ओ मुनिया बदली बदली है यह दुनिया। आंखों में कुछ सपने गढ़ ले गुड़िया मुनिया तू भी पढ़ ले। जीवन होगा सुखद सलोना खुशियों से तू दामन…
सर्दी – अनुप्रिया
गर्मी दीदी के जाते ही सर्दी रानी आयी। हमें सताती हमें डराती रौब जमाती आयी। हमें बचाने को हैं उनसे रजाई भाई आये। उनके पोते स्वेटर-मफलर भी तशरीफ लाये। फिर…
सुनैय तबनह- जयकृष्णा पासवान
हमरो बतिया सुनैय तबनह, आपन गीत गबैय छै । गांव के मुखिया वार्ड कमिश्नर मोच पे तांव दिखाबैय छै ।। गांव के विकास घुरी घुरी क, गली कुची हटाबैय छै।…
प्रेम बड़ा अनमोल रतन है-मीरा सिंह “मीरा
प्रेम से हुआ जग रोशन हैं जीवन लगता सुखद सपन है। दुनिया लगती बहुत सुहानी प्रेम बड़ा अनमोल रतन है।। करें जहां पर प्रेम बसेरा दूर वहां से दुख का…
बस इतनी सी चाह- नीतू रानी
बस इतनी सी चाह, हम हो जाते लापरवाह। बस इतनी सी चाह, जब रास्ते चलने लगते हैं तो भटक जाते अपनी राह । बस इतनी सी चाह, जब पानी में…