परिवार
जिसकी नीति व नज़रिया होगी खराब !
वो परिवार और दुनियाँ से होगा दुराज़ !!
देखें परिवार में हुआ क्या, कल और आज,
आखिर बच्चे ही तो हैं इसके साजो-साज।
सभी बच्चे ही भविष्य और हैं आज ,
सपने हक़ीक़त जो करे है वो परवाज़।
परिवार भी तो एक बहुत बड़ा धर्म है ,
सबों को नित्य करना भी एक कर्म है ।
परिवार जैसे एक उपवन व चमन है ,
सारे बच्चे भी इसके गुल व गुलशन है।
परिवार बहुत बड़ा रत्न अनमोल है,
अन्यथा इसका कोई नहीं मोल है ।
बच्चों को हम यही पाठ पढ़ाएँगे ,
रिश्ते-नाते क्या चीज़ है, बताएँगे।
सारे शिकवे-गिले ये सभी भूलकर,
रहना है हमें एक-दूजे से मिलकर।
जिस परिवार में होता झगड़ा क्लेश है,
उस परिवार का छीनता सुख व चैन है।
इस जहान में किसे किसकी पड़ी है,
समय के साथ सबकी आती बारी है।
सबसे अच्छा जिसका परिवार है,
मानो उसी का ही घर-संसार है ।
परिवार ही सब के लिए है संसार ,
बिछड़ के भी याद आएँगे बारंबार।
✍✍प्रकाश प्रभात
प्राo विo बाँसबाड़ी बायसी
पूर्णियाँ (बिहार)