राहगीर -रुचिका

Ruchika

राहगीर

राह की मुसीबतों से न घबड़ा,
तू है राहगीर
जरा रुक,सम्भल,
राह की मुसीबतों का सामना कर
और आगे बढ़ता जा।

बाधाएँ तेरे राह में अनेकों आएंगी
मंजिल से पहले
तुझे भटकाएंगी
तू है राहगीर
मंजिल पर नजर रख
और बढ़ता ही जा।

राह में तुझे अनेकों हमराही मिलेंगे
कुछ तेरा हाथ थामेंगे
कुछ तेरा पैर खींचेंगे
जिनको जरूरत तेरी
उनके तू जरूर काम आ
धैर्य का दामन थाम
और बढ़ता चला जा।

राहगीर है तू
सुस्ता मगर हार नही मान
फिर से हिम्मत इकट्ठा कर
और कदम आगे बढ़ा
तकलीफ़ अपनी भूला
होठों पर मुस्कान सजा
हौसलों के साथ
बस बढ़ता चला जा।

रूचिका
प्राथमिक विद्यालय कुरमौली, गुठनी सिवान बिहार

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply