आओ उठकर – रामकिशोर पाठक

Ram Kishore Pathak

आओ उठकर – बाल कविता (वासुदेव छंद)

अम्मा हँसकर, बोल गयी।
मन में मधुरस, घोल गयी।।
उठ आओ अब, भोर हुआ।
चिड़ियों का अब, शोर हुआ।।

देखो आकर, नभ अपना।
सपनों का घर, सब अपना।।
दौड़ रहे सब, राहों में।
आ जाओ अब, बाहों में।।

अम्मा हर्षित, तांँक रही।
मुन्ना को बस, झाँक रही।।
कहती है वह, कुछ बातें।
सुंदर सी कुछ, सौगातें।।

करना है श्रम, सघन तुझे।
कर पाएँ सब, नमन तुझे।।
आँख खोलकर, देखा मैं।
हाथों की निज, रेखा मैं।।

बात मानकर, माता की।
हाथ जोड़कर, दाता की।।
आया उठकर, ज्यों ही मैं।
हुआ सफल बस, त्यों ही मैं।।

रचयिता:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978

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