विदाई – महा-शिववदना छंद गीत
नम आँखों में है, प्यार भरा कैसा।
छलक रहा मोती, सागर के जैसा।।
पल सुंदर आया, हर्ष लिए सब है।
द्रवित सभी काया, धन्य हुआ अब है।।
पावन निर्मल है, गीत यहाँ ऐसा।
छलक रहा मोती, सागर के जैसा।।०१।।
बचपन की यादें, लगी अभी आने।
थें अबतक अपने, होंगे बेगाने।।
रीत यही जग का, नेह भरा वैसा।
छलक रहा मोती, सागर के जैसा।।०२।।
चीर कलेजा दे, पीर घनेरी हो।
पर हम यह बोलें, खुशियाँ तेरी हो।।
विदा करे फिर भी, प्राण तजे तैसा।
छलक रहा मोती, सागर के जैसा।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
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