करवा चौथ रामपाल प्रसाद सिंह

करवा चौथ
गीतिका छंद

दो हृदय सद्भावना के,मिल रहें विश्वास में।
चंद्रमा आशीष भरने,आ रहा आकाश में।।
चौथ करवा दिन सुहाना,दे रहा खुशियाॅं सभी
खास नारी भक्ति करके,पा गई खुशियाॅं अभी।।

भक्ति में है लीन ऐसी,शांत नभ में खो गई।
शाम आती आज उनको,लग रही है सुरमई।।
पूज्य हैं तो पास उनके,आज पर कुछ बात है।
मिल गया वरदान उनको,क्या सुहानी रात है।।

आ रही है आज ऊर्जा,एक छलनी पारकर।
शक्तियाॅं हैं पाप वाली,जा रही हैं भागकर।।
घर हमेशा अब रहेगा,स्वर्ग-सा सुंदर सदा।
देव भी उत्सुक जमीं पर,काश!आऍं एकदा।।


रामपाल प्रसाद सिंह अनजान
प्रभारी प्रधानाध्यापक
मध्य विद्यालय दरवेभदौर प्रखंड पंडारक पटना बिहार

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