शाश्वत प्रेम प्रतीक रक्षाबंधन-सुरेश कुमार गौरव

Suresh kumar

Suresh kumar

शाश्वत प्रेम प्रतीक रक्षाबंधन

हर बहन चाहती है मेरा भाई सदा कुशल रहे
हर भाई भी चाहता है मेरी बहन सकुशल रहे।

रक्षाबंधन बहन भाई की अटूट प्रेम डोर दर्शाती है
भाई के लिए बहन सदा मंगल कामनाएं करती है।

बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र राखी बांधती है
बहन भाई की प्रगति की दुआएं सदा साधती हैं।

भाई रखता है सदा राखी की लाज वादा निभाता है
बहन-भाई का यह रिश्ता अटूट रहे यही दर्शाता है।

बहन मांगती है दुआएं भैया सदा खुश रहना
सदा इस रक्षाबंधन की लाज भी तुम निभाना।

जब भी बहन पर संकट आए करुंगा हरण
ईश्वर से मांगूंगा बहन के लिए अच्छा वरण।

भाई बहन का रिश्ता होता है बड़ा ही प्यारा
रक्षाबंधन का पवित्र पर्व होता है बड़ा ही न्यारा।

हर भाई को बहन का शाश्वत रिश्ता निभाना है
रहे भाई बहन का अमर प्यार यही मुझे कहना है।

देश की सीमा पर सजग रहने वाले रक्षा सैनिक
बहनें भी सदा दुआएं देती रहती हैं सदा दैनिक।

दिन-रात रहते देश की रक्षा में वे सदा सजग
देश की हर बहन उनके लिए नहीं हैं विलग।

देश पर कुर्बान होने वाले भाईयों पर करती है गर्व
उनके लिए भी यह रक्षाबंधन है अत्यंत महान पर्व।

वो होते हैं किस्मत वाले जिनकी बहनें होती हैं
भाई बहन का यह पावन रिश्ता महान होती हैं।

जब भी बहन की जीवन रक्षा की बात है आती
भाई के दिल तक यह बात सदा पहुंच है जाती।

करें सभी भाई इस रक्षाबंधन पर दृढ़ संकल्प
बहन की रक्षा करने का रहे खुला हर विकल्प।

भारत ही है ऐसी भूमि जहां होता इस रिश्ते का मान
हर भाई बहन को होता है एक दूसरे पर अभिमान।

कहता है कवि हृदय कोई बहन न रहे कभी दुखी
भाई-बहन का प्यार सदा रहे अमर और रहे सुखी।

कोई बहन दहेज की बलि वेदी पर भी न चढ़े
बहन की खुशियां सदा ही रौशन रहे और बढ़े।

हर भाई सदा देता रहे अपनी बहनों का साथ
भाई के लिए सदा बढ़ाती रहे दुआओं का हाथ।

प्यार और पवित्र रिश्ते से फैले रिश्ते में उजियारा
भाई बहन का बना रहे यह पावन रिश्ता न्यारा।

इस शाश्वत रिश्ते को परिभाषित करना है मुश्किल
भाई-बहन के अथाह प्यार को समझना है मुश्किल।

हर बहन चाहती है मेरा भाई सदा कुशल रहे
हर भाई भी चाहता है मेरी बहन सकुशल रहे।

✍️सुरेश कुमार गौरव

शिक्षक, पटना (बिहार)
स्वरचित मौलिक रचना
@सर्वाधिकार सुरक्षित

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