भारत माता की ललाट पर देदीप्यमान एक बिंदी हूँ, मैं हिंदी हूँ। भाषाओं की हूँ सिरमौर प्रसार मेरा है हर ओर हर देश मे फैली हूँ मैं बंधी हुई सब…
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हे गुरुदेव – संजय कुमार
अज्ञानरूपी तिमिर दूर कर हम ज्ञान की अलौकिक रश्मि फैलाएं, आइए हमसभी मिलकर फिर दिव्यज्ञान की एक दीप जलाएं। गुरु के ऋण को कहाँ कोई चुका पाया है गुरु अंधकूप…
सीमा प्रहरी – संजय कुमार
राष्ट्र के लिए हमसब भी लें आज यह प्रण, माँ भारती की आवाज़ पर कर देंगे सर्वस्व समर्पण। उन वीरों की शहादत को सदैव करते हैं हम नमन, जिनकी बदौलत…
बगिया की उदासी- संजय कुमार
आज बगिया क्यों उदास है, बोलो मेरे पापाजी। कल तक कितनी चहल पहल थी गुलजार तुम्हारी बगिया थी। माँ खुश थी, भैया खुश थे ताई खुश थे, ताऊ खुश थे।…
वसंत- संजय कुमार
भेज के पाती फाग पूछत है मीत वसंत में आवत है! तीसी, मटर, सरसो खेत में पवन संग झूमत खेलत है देख के गेंहू गाभ के अंदर मंद-मंद मुस्कवात है।…
युवापराक्रम- संजय कुमार
उठो,जागो और आगे बढ़ो विवेकानंद जी का ये नारा, शून्य की सर्वश्रेष्ठ व्याख्या कर बनें विश्व की आँखों का तारा। तर्क अनेकों दिए उन्होंने करता हूँ मैं उनको नमन, जीत…
नववर्ष-संजय कुमार
नववर्ष नूतन संदेश लाये हर वर्षों से ये अच्छा कहलाए, खुशियां ही हो चहुँओर नववर्ष नूतन संदेश लाये। गम न हो किसी चेहरे पर, सबके हिस्से में खुशी आये दुखी…
विज्ञापन अंतिम संस्कार का- संजय कुमार
ऐड देख कर खुश मैं होऊँ या आँखें भर भर मैं रोऊँ। खोया जिसके लिए था सब कुछ हुआ वही नजरों से दुर्लभ अंतिम संस्कार का ऐड देखकर खुश मैं…
जीने दो खुले मन से- संजय कुमार
उन्हें उड़ने दो , नील गगन में । मादा रखते हैं जो उड़ने की , बांधो न उन्हें न दिखाओ डर गिरने का । अपने अनुभव और उम्र का, तकाजा…
हमें नहीं अब युद्ध चाहिए- संजय कुमार
हमे नहीं अब युद्ध चाहिए, नहीं हमे अब युद्ध चाहिए, संघर्ष नहीं विराम चाहिए। सत्य अहिंसा विश्व बंधुता करुणा मित्र और प्यार चाहिए। नहीं और अब युद्ध चाहिए। अहं और…