आज नही तो कल तुम्हारी ही जय होगी भाग्य नही केवल मेहनत से ही तय होगी अंधकार का नाश प्रकाश केवल कर सकता है मनुष्य वह साधक साध्य सभी कर…
Tag: Manoj Kumar Dube
संयुक्त परिवार-मनोज कुमार दुबे
संयुक्त परिवार घर के आंगन में जो खुशियाँ हमने पायी है। वक्त वो शायद बीत गया जो हमने बिताई है।। दादा जी के कंधे पर अपनी थी सवारी। मेरी दादी…
निर्वाण-मनोज कुमार दुबे
निर्वाण हे मातृभूमि वसुधा धरा वसुंधरा। अर्पित है तेरे चरण रज लोहित मेरा।। तू विभवशालिनी विश्वपालिनी दुःखहर्त्री है। भय निवारिणी शांतिकारिणी सुखकर्त्री है।। निर्मल तेरा नीर अमृत सा उत्तम। शीतल…