रोकती बीमारियाँ – मनहरण घनाक्षरी

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रोकती बीमारियाँ।- मनहरण घनाक्षरी

उम्र किशोरी का आया, सौगात नयी है लाया,
अंग-अंग है मुस्काया, बढ़ी जिम्मेदारियाँ।

प्रजनन की तैयारी, शुरू हुई माहवारी,
सहती है दर्द भारी, सदा सभी नारियाँ।

रक्त स्राव हो तन में, प्रश्न उठे भी मन में,
नेह प्यार जीवन में, पाने की तैयारियांँ।

स्वच्छता का ध्यान रहे, लोक लाज छोड़ कहे,
सेनेटरी पैड गहे, रोकती बीमारियाँ।

कवयित्री:- प्रतिभा मिश्रा
आ. ज्ञा. नि. शै. कम्प्लेक्स पालीगंज, पटना

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Ram Kishor Pathak

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