मैं पिता बन गया हूँ छोड़ दी हैं मैंने सारी अठखेलियाँ क्योंकि अब मैं पिता बन गया हूँ। अब मैं पिता को नखरे नहीं दिखाता, क्योंकि अब मैं पिता बन…
पिता – कुमकुम कुमारी ‘काव्याकृति’
पिता पितृ दिवस पर आज सभी, करते पितृ को याद। पाकर आशीष पितृ से,होते खुश औलाद।। मात-पिता के स्थान का,करता जो नित ध्यान। बिन पोथी के ज्ञान ही,पाता वो सम्मान।।…
मेरे पिता – आशीष अम्बर
“मेरे पिता ” कभी अभिमान हैं तो, कभी अरमान हैं पिता, कभी धरती हैं तो, कभी आसमान हैं पिता । जन्म दिया है , अगर माँ ने हमको, फिर भी…
पिता हीं हैं शान हमारी- मृत्युंजय कुमार
पिता हीं है शान हमारी पिता हीं है शान हमारी। है उनसे पहचान हमारी।। पिता का कर्ज चुकाना है। बेटा होने का अपना फर्ज निभाना है।। पिता जी रखते हमारा…
जैसे पास हमारे पापा – स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’
जैसे पास हमारे पापा मेरा क्या सब कुछ तुम से है, प्राणों से तुम प्यारे पापा। हिय के अद्भुत सहज सोम तुम, शीतल चाँद हमारे पापा। बहुत याद आते हो…
नमन पिता को कीजिए – विधा दोहा – राम किशोर पाठक
नमन पिता को कीजिए- दोहा छंद कहें जनक पालक उन्हें, जिन चरणों में धाम। पिता वचन का मान रख, वनगामी श्रीराम।।०१।। कदम बढ़ाना अंक दे, जिसका है शुभ काम। नमन…
अहमदाबाद हवाई हादसा – अमरनाथ त्रिवेदी
अहमदाबाद हवाई हादसा बारह जून दो हजार पच्चीस को , फिर कलंकित हुआ जहाँन । ड्रीमलाइनर विमान की , बची न अपनी शान । अहमदाबाद से उड़ान भरते ही ,…
उफ़. ! गर्मी – रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान ‘
उफ.!गर्मी बढ़ और रही है उफ.!गर्मी, दिख नहीं रही कुछ भी नर्मी, छाया नीचे भूखा-प्यासा,जीवन जलता है। कहीं एक पत्ता हिलता है?!। सुबह हुई सब भाग रहे हैं, व्याकुल हो…
अधूरा सफर- बिंदु अग्रवाल
अधूरा सफर आंँखो में नमी, होठों पे सिसक, दे गए तुम कहांँ खो गए? निकले घर से जो मंजिल के लिए, रास्ते में ही क्यों सो गए? हृदय व्याकुल, पथराई…
अहमदाबाद विमान दुर्घटना- दोहा छंद – राम किशोर पाठक
अहमदाबाद विमान हादसा – दोहा छंद माह जून पच्चीस की, तिथि बारह की बात। उड़ते हीं विमान गिरा, लगा बड़ा आघात।।०१।। दो सौ सत्तर जन मरे, बचा एक हीं जान।…