मनहरण घनाक्षरी- रामकिशोर पाठक

पाठशाला के द्वार को,
बच्चों में सुविचार को,
खोलने को आप नित,
समय से आइए।

परिसर साफ करे,
सब हाथों हाथ करे,
स्वच्छ परिधान रहे,
बच्चों को सिखाइए।

पाठ रोज याद करें,
व्यर्थ न विवाद करें,
गृहकार्य नित्य करें,
प्रेम से बताइए।

बड़ों का सम्मान करें,
दबे का उत्थान करें,
समता से साथ रहें,
भाव वो जगाइए।

रामकिशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश
पालीगंज,पटना

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