हिंदी दिवस 14 सितंबर पर
“अ से ज्ञ की कहानी”
अ से अनार, आ से आम ।
हिंदी है भारत का अभिमान।।
इ से इमली, ई से ईख।
हिंदी पढ़ना, लिखना सीख।।
उ से उल्लू, ऊ से ऊन।
हिंदी को तुम अपनी भाषा चुन।।
ऋ से ऋषि, ए से एकतारा ।
हिंदी है हमें जान से प्यारा।।
ऐ से ऐनक, ओ से ओखली।
हिंदी है प्यार से भरी पोटली।।
औ से औषधि, अं से अंगूर।
हिंदी है हमारा गुरुर।।
अ: ऐसे ही पड़ा हुआ..
क से कबूतर, ख से खरगोश।
हिंदी भर देता सबमें जोश।।
ग से गमला, घ से घड़ी।
हिंदी है शब्दों की लड़ी।।
ड. से कोई शब्द न बनता..
च से चरखा, छ से छाता।
हिंदी है जन जन की भाषा।।
ज से जहाज, झ से झरना।
हिंदी है भारतीय का गहना।।
ट से टमाटर , ठ से ठठेरा।
हिंदी में है हमारी सभ्यता का बसेरा।।
ड से डमरू, ढ से ढोल।
हिंदी भाषा है अनमोल।।
ण से कोई शब्द न बनता..
त से तराजू, थ से थैला।
हिंदी का है सब जगह बोलबाला।।
द से दवात, ध से धन।
हिंदी है सहज और सरल।।
न से नल, प से पानी।
हिंदी को हमने राष्ट्र भाषा मानी।।
फ से फल, ब से बलवान।
हिंदी से होती हमारी पहचान।।
भ से भालू, म से मिठाई
14 सितंबर को हम सबने हिंदी दिवस मनाई।।
य से यज्ञ, र से रास्ता ।
हिंदी से रखो तुम वास्ता।।
ल से लडडू, व से वस्त्र।
हिंदी है हमारा अस्त्र शस्त्र।।
श से शलगम, ष से षट्कोण
हिंदी के लिए अपनाओ सही दृष्टिकोण।।
स से सपेरा, ह से हल्दी।
हिंदी है भारतीयों के माथे की बिंदी।।
क्ष से क्षत्रिय, त्र से त्रिशुल।
हिंदी को भूलने की करेंगे न भूल।।
अंतिम वर्ण ज्ञ से ज्ञानी।
हिंदी अ से अनपढ़ से बनाता ज्ञ से ज्ञानी।।
उषा कुमारी
प्राथमिक विद्यालय महिनाथपुर
झंझारपुर, मधुबनी
Usha kumari

