आओ बच्चों खेलें खेल – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

आओ बच्चों खेलें खेल

आओ   बच्चों   खेलें    खेल ,
सब  बच्चों  से  कर  लें  मेल ।

खेलकूद हमेशा  संयम  से   खेलें ,
कभी    न    इसमें   करें    झमेले ।

आसपास   के  मैदान   में  खेलें ,
संगी   साथी    साथ में ले  लें ।

खेल  बच्चों  के लिए    बहुत जरूरी ,
इससे   उनके   अरमाँ   होती     पूरी ।

पढ़ाई  लिखाई कर जब हम थक  जाते ,
खेलकूद  से   ही  अपना  नेह     लगाते ।

खेलकूद   भी अनुशासन  से पलता ,
नियम    , शर्त ,   समय   से  चलता ।

यह  जीवन  को  सुरभि   से  भर  दे ,
खेलों   से   खुशियाँ    भी  भर    ले ।

समय  से  खेल    करेंगे    जब     जब ,
बहार जीवन में   आएँगी     तब    तब ।

खेल का भी अपना समय  होता है ,
तब    यह  न कभी   विपदा  बोता है ।

खेलने जाएँ  माता पिता से आज्ञा  लेकर ,
खेल कर  आएँ  सभी को  खुशियाँ देकर ।

खेलकूद में हार जीत लगा ही रहता ,
अच्छा बालक  सदा धैर्य  से  सहता ।

यही जीवन में  सहनशील बनाता ,
सुख दुःख में संयम सिखलाता ।

खेलकूद में बच्चे  ज्ञान हैं   सीखते ,
उनके जीवन में  आनंद ही दिखते ।

क्या करें  खेल कूद  की   बहुत बड़ाई,
हम  बच्चों  के लिए यह बड़ी सुखदाई ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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