आया रंगों का त्योहार – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

आया रंगों का त्योहार,
छाई हैं खुशियाँ हजार।

होली उत्सव है रंगों की,
जीवन धन्य भी करती।

पुआ, खीर, गुझिया से,
है हम सबका मन भी भरती।

समझ के खेलें रंगों का त्योहार,
मिले हमें खुशियाँ अपार।

प्रेम, सद्भाव यह मिलन की वेला,
हम सब कभी न रहें अकेला।

जब सब मिल हम रंग बरसाएँगे,
अपना जीवन भी धन्य कर पाएंँगे।

कहीं नहीं हो गिले शिकवे,
करें कभी न मन को काले।

जबरदस्ती कभी कहीं भी,
न रंग किसी  पर  डालें।

जो  चाहें होली खेलना,
रंग  उन्हीं पर हीं डालें।

आपस में कभी द्वेष  न करना,
सब मिल-जुल सद्भाव से रहना।

संयम से हर काम है बनता,
गलत करें तो रार भी ठनता।

वर्ष बाद फिर आएगा उत्सव,
फिर होगी रंगों की बरसात।

साथियों से जब हिले-मिले रहेंगे,
तब मिलेगी खुशियों की सौगात।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड- बंदरा, जिला- मुजफ्फरपुर

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