एक दीया इनके नाम – संजय कुमार

आइये जलाते हैं एक दीया
अपने माता पिता की
लम्बी आयु के लिए,
जिन्होंने हम सबको
सुंदर संस्कार दिए।

आइये जलाते हैं एक दीया
अपने गुरुजनों के लिए
जो अच्छी शिक्षा देकर
भले बुरे का भान कराते हैं
जीवन में प्रकाश दिखाते हैं।

आइये जलाते हैं एक दीया
किसानों के लिए ,
जो कड़ाके की ठंडक
भीषण चिलचिलाती धूप
और मूसलाधार बारिश में
अपने शरीर का तर्पण कर
हमारे लिए अन्न पैदा करते हैं।

आइये जलाते हैं एक दीया
उन मजदूरों के लिए ,
जो घुटन भरी जीवन जीकर
हमारे लिए मकान और बस्त्र बनाते हैं
हमारे घर से कवाड़ ले जाते हैं
घर की रंगाई पुताई करते हैं
घर सजाने के लिए मूर्ति बनाते हैं
घरों में जलाने के लिए दीया बनाते हैं ।

आइये जलाते हैं एक दीया
अपने दोस्तों के लिए ,
जो हमारे जीवन को
रंगीन बनाए रखते हैं
सुख दुःख में हमारे साथ रहते हैं।

आइये जलाते हैं एक दीया
उन जवानों के लिए ,
जो सरहदों पर मुस्तैद रहकर
हमे निश्चितत्ता भरी जिंदगी
और घर में परिवार के साथ सुरक्षित रहकर
पर्व त्योहार मनाने का अवसर देते हैं।

आइये जलाते हैं एक दीया
उन सभी लोगों के लिए
जिनका हमारे जीवन को
बेहतर बनाने में
कोई न कोई योगदान रहता है।

 

संजय कुमार
जिला शिक्षा पदाधिकारी
. अररिया

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