जन-गण-मन की गूँज हो रही,
हर दिशा में शंखनाद हो रही।
संविधान की महिमा गाते हैं,
विजय पताका हम फहराते हैं।
आएँ! शूरवीरों की गाथा गाएँ,
देशप्रेम के प्रेरणा दीप जलाएँ।
सत्य,अहिंसा,धर्म का मान,
गणतंत्र है भारत की पहचान।
हर भारतवासी का एक विचार,
सब मिलकर गढ़ें नया आधार।
संघर्ष,बलिदान का फल है ये,
हम सबका गौरव पल है ये।
ध्वजा हमारी सदैव ऊँची रहेगी,
वीरों की विरासत हमेशा सजेगी।
जय भारत, जय गणतंत्र हमारा,
मातु चरण में देशप्रेम का नज़ारा।
सुरेश कुमार गौरव
‘प्रधानाध्यापक’
उ. म. वि. रसलपुर,फतुहा,पटना (बिहार)
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