गीतिका – सुधीर कुमार

Sudhir Kumar

गीत
छंद – गीतिका
मात्रा — १४

२१२२ २१२२ , २१२२ २१२२

छोड़ दो तकरार सारे ,
प्रेम से कुछ बात कर लो ।

लड़ चुके हैं हम बहुत ही ,
अब न कोई बैर रखना ।
तुच्छ बातों के लिए यों ,
दोस्त से क्यों गैर बनना ।।
छोड़कर कालुष्य सारे ,
कष्ट सबका आज हर लो ।
छोड़ दो तकरार सारे ,
प्रेम से कुछ बात कर लो ।।

प्रेम से है जिंदगी यह ,
प्रेम से सपना सुहाना ।
प्रेम ही तो जोड़ता है ,
हर यहाँ बंधन पुराना ।।
भूलकर अब शत्रुता सब ,
तुम दिलों में प्यार भर लो ।
छोड़ दो तकरार सारे ,
प्रेम से कुछ बात कर लो ।।

प्रेम बिन क्या है जगत में ,
प्रेम बिन सूना जमाना ।
प्रेम को दिल में बसाकर ,
दुश्मनी को जीत जाना ।।
है यही बस मंत्र सच्चा ,
तुम इसे निज चित्त धर लो ।
छोड़ दो तकरार सारे ,
प्रेम से कुछ बात कर लो ।।

सुधीर कुमार मध्य विद्यालय शीशागाछी
प्रखंड टेढ़ागाछ जिला किशनगंज बिहार

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