जीने दो खुले मन से- संजय कुमार

sanjay kumar DEO

उन्हें उड़ने दो ,
नील गगन में ।
मादा रखते हैं
जो उड़ने की ,
बांधो न उन्हें
न दिखाओ डर गिरने का ।
अपने अनुभव और उम्र का,
तकाजा न दिखाओ उन्हें।
जो जीना चाहते हैं ,
अपनी रजा से ।
शिकवा न करो ,
न करो शिकायत किसी से।
दो शुभाशीष और ,
दुआ करो रव से।
हे प्रभु !
मेरे बच्चे जो जीना चाहते हैं ,
दुःख और सुख से परे,
सुख और दुःख से परे,
उन्हें जीना सीखा दे।
संजय कुमार
जिला शिक्षा पदाधिकारी
भागलपुर।

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