बच्चों आज एक प्रण तुम ले लो,
विद्यालय बंद है जीवन का ज्ञान तुम ले लो।
पुस्तकीय ज्ञान जीवन के लिए जरूरी है,
पर उससे पहले जीवन का व्यवहारिक ज्ञान ले लो।
हर बार प्रथम आने के लिए तुम्हें प्रयास करना है,
पर पराजय मिले तो धैर्य से स्वीकार करना है।
समय के चक्र को बखूबी तुम समझो,
सुख दुख जीवन के पल है इसको तुम पढ़ लो।
बड़ों का आदर और सम्मान सदा ही करना है,
पर आत्मसम्मान के लिए पीछे नही हटना है।
हर परीक्षा की करो मनोयोग से तुम तैयारी,
पर जीवन की परीक्षा में अव्वल आना हर पारी।
दूसरों के दर्द को तुम्हें अच्छे से समझना है,
उसे दूर करने का प्रयास सदा तुम्हें ही करना है।
सहयोग समर्पण मानवीय गुणों को अपनाना,
इंसानियत का पाठ तुम्हें पढ़ना है और पढ़ाना।
खेल भावना का सदा ही तुमको है अपनाना
तभी जगत में एक अच्छा इंसान है बन पाना।
विद्यालय बंद है पर यह सबक तुम्हें है पढ़ना,
जीवन के पाठशाला में तुम्हें रोज सबक है सीखना।
रूचिका
राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय तेनुआ गुठनी सिवान