देखो सानवी आयी है।
संग सहेलियाँ लायी है।।
रंग दो माँ पाँव सभी का,
लगे मनोहर भाव सभी का,
प्रमा कहती हर्षायी है।
देखो सानवी आयी है।।
संग मुझे भी चुनरी दो,
बना मुझे भी सुन्दरी दो,
दादी गीत भी गायी है।
देखो सानवी आयी है।।
सबको मिली खाने का थाल,
माथे पर दी चुनरी डाल,
माँ दुर्गा हमें बनायी है।
देखो सानवी आयी है।।
खाने पर सबको दी पैसा,
माँ बताओ रिवाज यह कैसा?
सुनकर माँ मुस्कायी है।
देखो सानवी आयी है।।
नवरात्रि का व्रत जो रखते,
माँ दुर्गा का पाठ जो करते,
आज हवन करायी है।
देखो सानवी आयी है।।
कुमारी की जब पूजा करते,
नवदुर्गा प्रसन्न तब होते,
मेरी माँ मुझको यही बतायी है।
देखो सानवी आयी है।।
क्या नानी भी ऐसा हैं करती,
बिना खाए दिन-रात है रहती,
प्रमा समझ अब पायी है।
देखो सानवी आयी है।।
राम किशोर पाठक
प्राथमिक विद्यालय भेड़हरिया इंगलिश
पालीगंज, पटना