दोहावली – देव कांत मिश्र ‘दिव्य’

Devkant

चंद्रयान है चाँद पर, हर्षित भारत देश।
वैज्ञानिक सब धन्य हैं, देख सुखद परिवेश।।

जय जय भारत देश में, जय जय है विज्ञान।
चंद्रयान अभियान से, बढ़ा जगत् में मान।।

नेह-निमंत्रण भेजकर, प्रमुदित आज मयंक।
जैसे लगता यान को, वरण किया निज अंक।।

प्रबल चाह से हो गया, सफल मिशन अभियान।
गूँज रहा है चाँद पर, रोवर का यशगान।।

सपनों के संसार में, रचा-बसा अरमान।
दृढ़ संकल्पित भाव से, चमक रहा विज्ञान।।

मन-अनुप्राणित कर्म ही, देता ज्ञान-वितान।
सोमनाथ की चाह ने, भेजा शशि-प्रज्ञान।।

अनुपम भारत देश है, अनुपम है विज्ञान।
चंद्र मिशन की कल्पना, सचमुच सुखद महान।।

मिशन चंद्र अभियान में, चिंतन है अभिराम।
गौरव गाथा से जुड़ी, नई सुहानी शाम।।

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’ मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज, भागलपुर, बिहार

0 Likes
Spread the love

Leave a Reply