प्रेम भरी वाणी- जैनेन्द्र प्रसाद रवि’

Jainendra

ठोस परिणाम हेतु
काम आता अनुभव,
बीमारों को पथ्य वास्ते, चावल पुरानी हो।

जीवन में सोच कर
कदम बढ़ाएं सदा,
हर शुभ कार्य हेतु जोश व जवानी हो।

निराशा-आलस्य नहीं
पास भटकने पाए,
सफल होने के लिए मौजों सी रवानी हो।

सबको समान जान
हँसकर बात करें,
शहद समान मीठी प्रेम भरी वाणी हो।

जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि.बख्तियारपुर, पटना

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